हिंसक हुए पटेल, जल उठा गुजरात, 16 थानों और गृह मंत्री के घर में लगाई आग

हिंसक हुए पटेल, जल उठा गुजरात, 16 थानों और गृह मंत्री के घर में लगाई आग
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गुजरात : पटेल और पाटीदार समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन ने अब हिंसक रूप ले लिया है. मंगलवार को अहमदाबाद सहित पूरे राज्य में पटेल समुदाय की रैली के बाद भयंकर हिंसा हुई. ये हिंसा आन्दोलन का प्रतिनिधित्व कर रहे हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी के बाद भड़की है. आज बुधवार को पाटीदार समुदाय द्वारा गुजरात बंद का आवाहन किया है. 

सेना बुलाई 

आन्दोलन के कारण बढ़ते तनाव पर काबू पाने के लिए अहमदाबाद में सेना बुलाई गई है. 13 साल बाद शहर में इतने हालात बिगड़े हैं कि सेना की मदद लेनी पड़ रही हो. हालांकि आज सुबह से वहां किसी तरह की कोई हिंसा की खबर नहीं हैं.

इंटरनेट सर्विस बंद

लोग एक जगह जमा न हो पाए और किसी भी तरह के हिंसा भड़काने वाले मैसेजो पर रोक लगाने के लिए अहमदाबाद सहित कई शहरों में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है.

राजनाथ ने आनंदीबेन पटेल से की बात

गुजरात के हालात बेकाबू होते देख गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से इस मामले में बातचीत की है.और उन्हें हर मदद का भरोसा दिलाया है.

कहां कितनी हिंसा?

अब तक अहमदाबाद, सूरत सहित कई शहरों में पटेल समुदाय के हिंसक आन्दोलन के चलते उपद्रवियों ने करीब सवा सौ गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और 16 थानों में आग लगा दी. इस आन्दोलन में एक व्यक्ति की मौत हो गई. वहीँ कई शहरों में ट्रेन की पटरियां उखाड़ दीं. फायर स्टेशनों को घेर लिया गया है ताकि वो आग बुझाने में मदद न कर सकें. 

आन्दोलनकारियों ने मेहसाणा में गृह राज्यमंत्री रजनी पटेल के घर में आग लगा दी. वहीँ गांधीनगर सहित कई शहरों में कलेक्टर और SP दफ्तरों को भी आग के हवाले कर दिया. इस हिंसक आन्दोलन के बाद मंगलवार रात अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, ऊंझा, विसनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

क्या है मामला?

यह समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर हिंसा पर उतर आया है. बता दें कि गुजरात की कुल आबादी में 20 फीसदी पटेल-पाटीदार समुदाय के लोगों की तादाद है. ये लोग खुद को OBC कैटेगरी में शामिल कराना चाहते हैं. गुजरात के 120 भाजपा विधायकों में से 40 इसी समुदाय के हैं.

हार्दिक रैली को संबोधित करने के बाद वहीं अनशन पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि जब CM खुद यहां आकर लेटर लें, तभी अनशन खत्म होगा. 

मोदी से सोशल मिडिया और केजरीवाल से आंदोलन सीखा

हार्दिक ने कहा कि हमने PM मोदी से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना सीखा. वहीँ केजरीवाल से आंदोलन की स्टाइल सीखी. अब अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो हम आन्दोलन को और उग्र करेंगे.

कमल उखाड़ सकते हैं हम

हार्दिक ने कहा कि '1998 में हमने कांग्रेस का पत्ता साफ़ कर दिया था. अब फिर 2017 में चुनाव होने वाले हैं अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो हम कमल भी उखाड़ फेंकेंगे. PM पर निशाना साधते हुए हार्दिक ने कहा कि " सरदार पटेल अगर देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो आज हालात कुछ और होते. पटेल की बड़ी मूर्ति लगाकर लोग राजनीति कर रहे हैं. हम 'सबका साथ, सबका विकास' के साथ हैं.हमें बस अपना हक़ चाहिए.

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