पटना : बिहार की राजधानी पटना जिले के ग्रामीण स्कूलों में ही शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2011 लागू नहीं होने से इन स्कूलों में ताला लगने की नौबत आ गई है.इन स्कूलों पर तय संख्या में गरीब बच्चों का नामांकन नहीं लेने, उनको नहीं पढ़ाने का आरोप है. जबकि इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठती है.10 फरवरी तक संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन स्कूलों को बंद किया जा सकता है.
इस बारे में प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम. रामचंद्रुडू ने पटना के डीईओ मेदो दास निर्देशित किया है कि वे ऐसे स्कूलों से 10 फरवरी तक फिर जवाब मांगें. लेकिन इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाय. इन बच्चों को पास के स्कूल में नामांकन सुनिश्चित कराया जा सकता है.
गौरतलब है कि पटना के डीईओ ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को तीन माह पूर्व ही पत्र भेज कर कहा था कि जिले के 1190 स्कूल आरटीई के मानकों पर खरा नहीं उतर रहे हैं.दरअसल इन स्कूलों को तीन वर्षों में आईटीई के मानकों को पूरा करना था. लेकिन इन स्कूलों ने ऐसा नहीं किया. यहाँ तक कि इन स्कूलों ने शिक्षकों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता सूची भी नहीं दी है.
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