पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि शराबबंदी को लेकर स्टंटबाजी बंद करें। इसके जवाब में एडवोकेट जनरल ने कहा कि सरकार पूर्ण शराब बंदी के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए सरकार को डनमत भी मिला है। इसके जवाब में कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि इससे पहले बिहार सरकार शराब बेचने के लिए स्कूल और मंदिरों के पास शराब की दुकानों को खोलने के लिए प्रतिबद्ध थी?
हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार आज हमें मर्सिडीज गाड़ी खरीदवाए और अगले दिन पर्यावरण प्रदूषण के तर्क पर सभी चार पहिए वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दे, तो लोग गाड़ियों का क्या करेंगे? कोर्ट की यह टिप्पणी तब आई जब इस मामले में दायर की गई याचिका पर यातिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि 2 अप्रैल को विदेशी शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस सरकार द्वारा ही रीन्यू किया जाता है और 5 अप्रैल को बिक्री पर रोक लगा दिया जाता है। करोड़ों की शराब लेकर आपूर्तिकर्ता कहां जाए।
याचिकाकर्ता के वकील जितेंद्र सिंह ने बताया कि 5 अप्रैल को सरकारी अधिसूचना जारी भी नहीं हुई थी कि उसी दिन दोपहर में बीयर ले जा रहे एक युवक को पुलिस ने थाने में बंद कर दिया। यह सरकारी मशीनरी की तानाशाही है। इस पर कोर्ट ने सरकार को स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
मुख्य न्यायधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह की बेच ने कहा कि एयरपोर्ट पर सरकार यात्रियों की सांस की जाच करके क्या साबित करना चाहती है कि उसने शराब का सेवन किया है या नहीं। सरकार दिखाना चाहती है कि कोई भी व्यक्ति शराब पीकर प्रदेश में प्रवेश नहीं कर सकता।
बता दें कि बिहार में पूर्ण शराब बंदी के बाद से नशीली दवाओं की बिक्री में बढ़ोतरी होती जा रही है। पुलिस ने बेगुसराय के एक मेडिकल शॉप में छापा मारकर भारी मात्रा में नशीली व प्रतिबंधित दवाइयां बरामद की।