नीमच से राजेन्द्र सिंह राठौड़ की रिपोर्ट
नीमच। जीरन क्षेत्र में बलवंत दास बैरागी की आत्महत्या के बाद आक्रोशित परिजनों ने महू-नसीराबाद रोड स्थित एसपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। आक्रोशित परिजन सुसाइड नोट में जिन लोगों का नाम सामने आया है उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
यह है पूरा मामला
जीरन थाना क्षेत्र के कुचड़ोद निवासी किसान मोर्चा मंडल उपाध्यक्ष बलवंतदास बैरागी ने गुरूवार को जहरीला पदार्थ गटक लिया था। परिजन उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। जहां इलाज के दौरान बैरागी ने दम तोड़ दिया था। पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच रही है। बैरागी ने सुसाइड नोट में आत्महत्या का कारण बताते हुए क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारी, गिरदावर व पटवारी सहित अन्य पर परेशान करने का आरोप लगाया है।
15 बीघा जमीन बनी जान की दुश्मन
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बलवंतदास बैरागी के पास 15 बीघा जमीन है। उक्त जमीन को लेकर परिवार में आपसी विवाद है। इसी जमीन को हथियाने के लिए परिवार के लोग लगातार बलवंत पर दबाव बना रहे थे। प्रशासनिक अधिकारी, गिरदावर जाबिर खां, पटवारी नवीन तिवारी सहित अन्य भी बलवंत को लगातार परेशान कर रहे थे। बलवंत के पिता की वर्ष 2005 में मृत्यु हो चुकी है। वर्तमान में वे पत्नी सहित दो लड़कियां व एक लड़के को पीछे छोड़ गए हैं। उक्त जमीन का विवाद न्यायालय में विचाराधीन होने की बात भी सामने आई है।
सुसाइड नोट में इन परिजनों के नाम का जिक्र
मृतक बलवंत दास ने अपने सुसाइड नोट में क्षेत्र के गिरदावर, पटवारी सहित परिजनों के नाम का जिक्र किया है। उन्होंने परिवार के गोपाल दास, लाला दास, सुनिता, जसोदा बाई पति मोहनदास, गुलाब सिंह, गट्टू सिंह व बलबहादुर सहित अन्य परिजनों पर आरोप लगाया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि वे उसे व उसके लड़के 2016 से एनडीपीएस एक्ट में फंसाने की धमकी देते आये है। परिवार ने पोस्टमार्टम पश्चात शव लेने से मना कर दिया ।चुकी सरकारी अधिकारी की प्रतारणा से सोसाइटी किया है सरकार से सहायता राशि 50 लाख की मांग की गई ।साथ ही परिवार से एक को सरकारी नोकरी की मांग की ।
अधिकारियों ने उक्त सन्दर्भ में ज्ञापन ले कर कहा ये शासन के स्तर की बात है हम इसे आगे भेज देंगे । कलेक्टर महोदय के द्वारा पटवारी ओर गिरदावर को निलंबित कर दिया है। आगे आप भी प्रयास अपने स्तर पर करते रहे।
परिवार सन्तुष्ट होने के बाद शव लिया
जिले में पटवारी ओर गिरदावर दबंगो से मिलकर गरीबो के साथ कबसे ये अन्याय करते आ रहे है ।इसमे इनपर सख्ती की बहुत आवश्यकता है । नही तो ऐसे किस्से सुनने में आते रहेंगे। इस संदर्भ में ध्यान देने वाली बात यह है कि भा ज पा के एक पदाधिकारी को जब अधिकारी प्रताड़ित पेसो के लिए बेखोफ होकर कर सकता है तो आम आदमी के बारे में तो सोचा भी नही जा सकता है ।
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