नवजात शिशु की देखभल बच्चें के जन्म के साथ ही शुरू हो जाती हैं. नवजात नच्चे को बड़ी नाजुकता के साथ संभालना पड़ता हैं. बच्चें के जन्म के साथ ही माता-पिता पर कई जिम्मेदारियां आ जाती हैं. माँ की गोद में बच्चा खुद को महफूज पाता हैं. नवजात बच्चा 24 घंटो में 16 घंटो तक सोता हैं. यह बच्चें पर निर्भर करता हैं कि उसकी नींद कितनी लम्बी होगी.
यह भी हो सकता हैं कि वह दो-दो घंटो के लिए सोए और रात में चार से छह घंटो के लिए. बच्चें के कमरे में दिन के समय रौशनी ज्यादा और रात में कम रखे. बच्चें को किसी भी तरह के शोर से दूर रखे. बच्चा यदि माँ की छाती से कम से कम 2 घंटो के लिए चिपका रहे तो उसे नींद अच्छी आती हैं. इतना ही नहीं बच्चें के वजन में भी सुधर होता हैं. शुरुआत में बच्चें की त्वचा बहुत नाजुक और नरम होती हैं, बच्चें को यदि डाइपर सही से न पहनाया गया हैं तो उससे भी नुकसान होता हैं. इसलिए बच्चें का डायपर बदलने से पहले अपने हाथो को अच्छी तरह से साफ करे.
बच्चें को टब में नहलाना सही रहता हैं, बस ध्यान रहे तब ज्यादा गहरा न हो. यदि ठंडा मौसम हैं तो बच्चें को गुनगुने पानी से नहलाए. पानी को चेक करने के लिए अपनी कोहनी का इस्तेमाल कर देखे कि पानी ज्यादा तो गर्म नहीं हैं. बच्चे को रेगुलर सोप के बजाय बेबी सोप से नहलाए. बच्चें को नहलाने के बाद तब से निकाल ले और तौलिये से अच्छी तरह साफ करे. इसके बाद लोशन लगा दे.
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