पीसीओएस एक ऐसी समस्या है, जो ओवरी से जुड़ी होती है। जी हाँ और इससे पीड़ित महिलाओं के शरीर में हार्मोन का असंतुलन शुरू हो जाता है और फिर पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। आपको बता दें कि यह समस्या मासिक धर्म चक्र को पूरी तरह से बिगाड़ देती है। ऐसे में पीरियड्स काफी देर से आने शुरू होते हैं और कई बार तो लंबा गैप भी हो जाता है। वैसे इस बीमारी से निजात पाने के लिए इलाज जरूरी है और साथ ही अपनी जीवनशैली, खासकर खाने-पीने के तरीके में बदलाव किया जाता है। आज हम कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं।
मेथी के फायदे- मेथी के बीज फाइटोएस्ट्रोजेन (आइसोफ्लेवोन्स) से भरपूर होते हैं जो एस्ट्रोजन के स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। वह एंडोमेट्रियम की मोटाई में सुधार करने में मदद करते हैं जो पीरियड्स के दौरान रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसी के साथ मेथी के बीज अतिरिक्त शुगर और इंसुलिन स्पाइक्स को कम करने में भी मदद करते हैं। केवल यही नहीं बल्कि वजन घटाने के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है।
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तिल के फायदे- तिल के बीज इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करते हैं और जिंक से भरपूर होते हैं जो प्रोजेस्टेरोन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। वह प्रकृति में गर्म होते हैं और अतिरिक्त कफ को कम करके आपके मासिक धर्म को नियंत्रित करते हैं। आपको बता दें कि तिल न केवल अनियमित पीरियड्स में मदद करता है बल्कि स्मूद और दर्द रहित पीरियड्स में भी मदद करता है।
गुड़ के फायदे- गुड़ आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और आपके लिवर और रक्त को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है। हालाँकि सर्दियों में हमारी ऊर्जा कम रहती है इसलिए गुड़ इसे बढ़ाने में मदद करता है।
हल्दी के फायदे- हल्दी का सेवन लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है और इसका पानी या चाय पीने से भी आपको पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है। इसी के साथ हल्दी का शरीर पर एक एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव होता है, जो गर्भाशय को फैलाता है और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करता है।
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