नई दिल्ली: राइट तो इनफार्मेशन (आरटीआई) यानी सूचना के अधिकार संशोधन बिल पर केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिली है. इस मुद्दे पर तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस), बीजू जनता दल (बीजद) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने केंद्र सरकार का समर्थन किया है. इससे राज्यसभा की ओर से चयन समिति को बिल भेजने की विपक्ष की साझा कोशिश को बड़ा झटका लगा है.
इस बिल में किए गए संशोधन के मुताबिक: -
1) कितना वेतन मिलेगा, इसके लिए बिल पास होने के बाद नियम बनेगा जिसमें वेतन का उल्लेख होगा. यानी बिल के पास होने के बाद सरकार को इस पर नियम बनाने का अधिकार होगा.
RTI के पहले वाले कानून में मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) का वेतन मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के बराबर था. अब इस बिल के पास होने के बाद केंद्र सरकार को CIC के वेतन और भत्ते निर्धारित करने का अधिकार मिल जाएगा.
2) इसके साथ ही CIC का कार्यकाल अब 5 वर्ष के बजाय कितना रहेगा, इसके लिए भी नियम बनेगा.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि आज से तक़रीबन 14 वर्ष पूर्व यानी 12 अक्तूबर 2005 को देश में "सूचना का अधिकार" यानी आरटीआई क़ानून लागू किया गया था. इसके अंतर्गत किसी भी नागरिक को सरकार के किसी भी कार्य या निर्णय की सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है.
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