वाशिंगटन: हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) अभियानों के लिए शांतिदूतों के चयन को और कड़ाई से करने का आह्वान किया है और उन्हें अधिक प्रभावी बनाने के लिए उनकी पेशेवर क्षमता पर जोर दिया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने बीते शुक्रवार को शांति अभियान को बेहतर बनाने के लिए यहां आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा, "भारत का मानना है कि वैश्विक एकजुटता बढ़ाने के लिए शांति अभियान में बड़े पैमाने पर शामिल होना महत्चपूर्ण है, जो वैश्विक उद्यम के सभी पहलुओं में लगे हुए हैं, उनके पेशेवर क्षमता का कोई विकल्प नहीं हो सकता."
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में ऐतिहासिक रूप से सबसे ज्यादा दूतों की संख्या का योगदान देने वाला भारत अमेरिका और चार अन्य देशों के साथ समारोह का प्रायजकों में से एक था. अकबरुद्दीन ने कहा कि जब शांतिदूतों की तैनाती होती है तो बेंचमार्क के तौर पर न्यूनतम परिचालन मानकों की जरूरत होती है और संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को इसे स्थापित करने के लिए साथ में काम करना चाहिए.उन्होंने कहा कि तैनाती के संदर्भ में विविधता की जरूरत समझ में आती है और कुछ इसके लिए कुछ विविधताएं भी स्वीकार्य हैं.
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि उन्होंने यह भी कहा कि तैनाती के लिए एक जवान या पुलिस इकाई के चयन के लिए एकमात्र तंत्र के तौर पर पीसकीपिंग केपेबिलिटी रेडीनेस सिस्टम (पीसीआरएस) का ही प्रयोग होना चाहिए और जो इस तंत्र से बाहर है, उन्हें शामिल नहीं किया जाना चाहिए. इससे यह सुनिश्चित होगा कि शांतिदूतों की तैनाती के लिए अत्यधिक सक्षम और योग्य उम्मीदवार इसमें शामिल हो सकेंगे.
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