मोर कभी नहीं बनाता शारीरक संबंध, जानिए इसके बारे में रोचक तथ्य

मोर कभी नहीं बनाता शारीरक संबंध, जानिए इसके बारे में रोचक तथ्य
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मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है जो काफी सुंदर भी होता है. इसके बारे में हर कोई जनता है लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें आप नहीं जानते होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं मोर कभी शरीर संबंध नहीं बनाते. आज हम आपको मोर के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं इसके बारे में आपको भी नहीं पता होओगे. 

* मोर आजीवन ब्रह्मचारी रहता है. इसके जो आंसू आते हैं, मोरनी उसे चुग कर गर्भवती होती है. मोर कभी भी मोरनी के साथ संबंध नहीं करता.

* मोर पंख को भगवान कृष्ण ने इसलिए लगाया क्योंकि वह ब्रह्मचारी है. साधु संत भी इसलिए मोर पंख का इस्तेमाल करते हैं. ठीक इसी तरह गाय के अंदर भी इतने गुण हैं कि उसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए.

* 26 जनवरी 1963 को भारत सरकार के द्वारा मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया.
 
* भारत के अलावा 'म्यांमार' का भी राष्ट्रीय पक्षी मोर ही है.

* मोर के सिर पर मुकट जैसी एक सुंदर सी कलगी होती है. 

* मोर सर्वभक्षक है और कीड़े, फूल, बीज, छोटे कृन्तकों और छिपकलियों को खाता है. यह हानिकारक कीड़े-मकोड़े खाता है, इसलिए इसे किसानो का अच्छा मित्र भी कहा जाता है. 

* मोर (Peacock) (पुरुष पक्षी), मोरनी (Peahen) (स्त्री पक्षी) की तुलना में अधिक सुंदर, रंगीन और उज्ज्वल होता है. 

* मोर बड़े पंखों वाला बहुत बड़ा पक्षी है, लेकिन वह बहुत अधिक ऊँचा या लंबी दूरी तक उड़ नहीं सकता.

* मोर बीस वर्ष की आयु तक जीवित रह सकते हैं.

* मोर झुंडों में रहना पसंद करता है एक झुण्ड में 6 से 10 तक मोर होते हैं. 

* मयूर नृत्य, एक प्रसिद्द नृत्य है. मयूर नृत्य समूह में किया जाता है. 

* मोर, जब नृत्य करता है तो उस समय अपने पंख फैला लेता है. ऐसे समय वह अत्यंत सुन्दर दिखाई पड़ता है. 

* मोर की आवाज़ बहुत प्यारी नहीं होती है. 

* मोर के पंख का उपयोग पर्स, जैकेट और कई खूबसूरत चीजों को बनाने के लिए किया जाता है.

* भारत में, मोर के शिकार पर पूर्णतया प्रतिबंध है. यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत पूरी तरह से संरक्षित है.

* हिन्दू समाज में मोर का धार्मिक महत्त्व भी है. भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की सवारी मोर है. 

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