भोपाल: यह मामला सुन कर आप हैरान रह जाएगे. जिसमें राजधानी भोपाल की कोर्ट ने जिला कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ रहे चपरासी बाबूलाल सुनहरे को एमपी नगर की 500 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन का फर्जी तरीके से पट्टा देने के आरोप लगाया हैं. जिसमें उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई हैं. वहीं, इस मामले में वकील, कोर्ट में पदस्थ रही महिला बाबू से लेकर झुग्गी में रहने वाले लोगों को भी सजा सुनाई गई है. यह सजा शनिवार को स्पेशल जज संजीव पांडेय की कोर्ट ने सुनाई है. इसके साथ ही सभी आरोपितों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया हैं. इस मामले में 11 लोगों को आरोपित बनाया गया था. परन्तु, एक आरोपित को सबूतों के आभाव में बरी कर दिया गया है. सभी दोषियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया है.
इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू ने की थी. बाबूलाल जिला कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ था. उसने 2003 से 2007 के बीच अन्य आरोपितों के साथ मिलकर एमपी नगर जोन-1 में गायत्री मंदिर के पास स्थित सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से पट्टे पर झुग्गी सावित्री बाई के नाम पर कर दी थी. इसके पश्चात् जमीन का कुछ हिस्सा जहांगीराबाद में रहने वाली माया बिसारिया, अल्पना बिसारिया, अमिता बिसारिया और प्रीति बिसारिया के नाम पर कर दी.
जब यह मामला कोर्ट पहुंचा तो महिला बाबू ने जज के नाम से फर्जी आदेश जारी कर कलेक्टर कार्यालय में भेज दिया था. वहीं, इस साजिश में उसके साथ वकील अनवर खान भी सम्मलित था. ईओडब्ल्यू ने मामले में साल 2008 में चालान पेश किया था. इस पूरे फर्जीवाड़े का मुख्य सूत्रधार कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ रहा चपरासी ही रहा है. उसने ही पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था. सरकारी दस्तावेजों में यह जमीन महकमा म्यूनिसिपल बोर्ड के नाम पर दर्ज थी.
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