'सड़क दुर्घटनाओं के लिए पैदल चलने वाले लोग भी जिम्मेदार', दिल्ली की कोर्ट ने की ये अहम टिप्पणी

'सड़क दुर्घटनाओं के लिए पैदल चलने वाले लोग भी जिम्मेदार', दिल्ली की कोर्ट ने की ये अहम टिप्पणी
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सड़क दुर्घटना के लिए केवल वाहन चालक ही नहीं, कई बार पैदल चलने वाले लोग भी जिम्मेदार होते हैं। हर बार दुर्घटना में गलती एवं जिम्मेदारी वाहन चालक की ही नहीं होती। दक्षिण दिल्ली की साकेत जिला अदालत ने एक मुकदमे का फैसला सुनाते समय यह तथ्य भी सम्मिलित किया है कि यातायात नियमों का उल्लंघन पैदल यात्री भी करते हैं। सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती तादाद के पीछे ऐसे पैदल चल रहे लापरवाह लोग भी जिम्मेदार हैं। 

साकेत अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएसजे डी सिंह ने 7 वर्ष  पहले सड़क हादसे में हुई मौत के मामले में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट के आदेश को पलटते हुए अपराधी वाहन चालक को बरी कर दिया। कोर्ट ने तथ्यों, गवाहों के बयान और सबूत के आधार पर फैसला दिया कि पैदल चल रहा आदमी अपनी हड़बड़ी के कारण मारा गया। हालांकि एम्स ट्रॉमा सेंटर की चिकित्सा जांच रिपोर्ट में उसे आई चोट एवं जख्म का भी जिक्र है। इसके अतिरिक्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी वाहन से टक्कर लगने की पुष्टि हुई थी। मगर कोर्ट में किसी भी चश्मदीद गवाह ने तेज रफ्तार वाहन चालक पर लापरवाही बरतने के आरोप की तस्दीक नहीं की। 

दरअसल, घटना 2015 की है। जिसमें दक्षिण दिल्ली के संगम विहार क्षेत्र में सड़क पार कर रहा व्यक्ति कार की चपेट में आ गया था। चोटिल को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर के जाया गया। मगर उपचार के चलते उसकी मौत हो गई। इस मामले में विशेषज्ञों की सलाह का भी हवाला दिया गया है, जिसमें स्पष्ट कहा है कि सड़क पर चलते वक़्त पूरे ध्यान से और अतिरिक्त सावधानी बरतें। मोबाइल, ईयर फोन आदि लगाकर ना चलें, जहां फुटपाथ न हो या सही न हो तो ट्रैफिक की दिशा में मुंह रखते हुए ही चलें। जेबरा क्रॉसिंग पर ही सड़क पार करें। लाल बत्ती हो तभी सड़क पार करें। सड़क पार करते वक़्त हड़बड़ाहट जानलेवा हो सकती है। जान न भी जाए तो आप बुरी तरह चोटिल हो सकते हैं। हाल ही में दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने ‘दिल्ली रोड क्रैश रिपोर्ट- 2021' जारी की थी। रिपोर्ट के अनुसार, दो चार या ज्यादा पहियों वाले वाहनों की चपेट में आने से सर्वाधिक (41.15) प्रतिशत मौतें पैदल चलने वालों की हुई हैं। दूसरे नंबर पर दोपहिया वाहन चालकों की मौत है। दोपहिया वाहन चालकों की मौत का फीसदी 38.1 है। रिपोर्ट के अनुसार, दिन के मुकाबले रात में अधिक सड़क दुर्घटना हुई हैं। 

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