दुनियाभर में कई लोग हैं जो नेक काम करने में हमेशा ही आगे रहते हैं. वैसे कई ऐसे लोग हैं जो इस समय कोरोना वायरस महामारी के कारण खाने तक के लिए परेशान हो रहे हैं. उनके पास खाने के लिए एक निवाला भी नहीं है. इसी बीच कई नेक लोग मसीहा बनकर सामने आए हैं. हाल ही में हम आपको एक ऐसे ही युवक के बारे में बताने जा रहे हैं. जी दरअसल हम बात कर रहे हैं रिटायर्ड इंजीनियर के बारे में. वह अपनी पेंशन के पैसों से आंध्र प्रदेश के भिखारियों को खाना खिला रहे हैं. वैसे हम जिनके बारे में बात कर रहे हैं वह आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम ज़िले में रहते हैं.
उनका नाम सी.वी.एन मूर्ति है जो एक ट्रस्ट के साथ मिलकर यह काम कर रहे हैं. वह एक रिटायर्ड इंजीनियर हैं और वह करीब 2 साल से इलाके के ग़रीब लोगों को खाना उपलब्ध करवा रहे थे. आपको बता दें कि बीते समय में लगे लॉकडाउन में भी उन्होंने सैंकड़ों भिखारियों तक खाना पहुंचाया है. जी हाँ, इसके साथ ही मिली जानकारी के मुताबिक जब लॉकडाउन को धीरे-धीरे ख़त्म करना शुरू किया गया तो अधिकांश लोगों ने भिखारियों तक खाना पहुंचाना बंद कर दिया. उस समय ज़िले की Indian Red Cross Society (IRCS)के लोगों ने मूर्ती जी से संपर्क किया. इस बारे में उन्होंने बताया कि मंदिरों के बाहर बैठने वाले अधिकतर भिखारियों और कुष्ठ रोगियों को अब खाना नहीं मिल रहा है. उन्हें मिलने वाली मदद तक़रीबन बंद हो गई है.
तब मूर्ति जी ने अपनी पेंशन से 50 हज़ार रुपये उन्हें दान कर दिए और उनकी मदद करने की ठान ली. बताया गया है कि इन पैसों की मदद से रोज़ाना लगभग 100 लोगों का पेट भरा जा रहा है. इसी के साथ इस खाने को ट्रस्ट और ज़िले की रेड क्रॉस सोसाइटी के लोग भिखारियों और कुष्ठ रोगियों तक पहुंचा रहे हैं.
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