आप खुद ही सोचिए आपको कोई ऐसी चीज़ मिल जाए, जिसे आपने कभी देखा न हो सिर्फ उसके बारे में सुना हो और उसे पाने की तम्मना आपके मन में हो। एकदम से वो आपको मिल जाए तो कितना अच्छा लगता है न। ऐसा ही कुछ इस देश में भी हुआ यहाँ 2550 सालो से बिजली नहीं थी, लोगो ने कभी इसे देखा भी नहीं था सिर्फ इसका नाम सुना था, और अब उस देश में ऐसा चमत्कार हुआ है की वहां बिजली आ गई है।
चंडीगड़ के पारस लुम्बा के प्रयास से लगाए गए माइक्रो ग्रिड्स से लेह लद्दाख की जांस्कर वेली में अब उजाला है। 2550 सालो से यहाँ लाइट का नामोनिशान भी नहीं था, आज उनके इस प्रायास से वह बिजली का उत्पादन हुआ है, जिससे हर व्यक्ति के घर में अब लाइट है। जिसे देखकर वे काफी उत्साहित थे, लोगो में इतनी ख़ुशी है की उनके आंसू ही नहीं रुक रहे थे। ख़ुशी के मारे रोने लगे वे।
जब उनके घरो में बिजली आई तो वे रात में भी उसे जलाकर सोए, क्योंकि उन्हें डर लग रहा था की कहीं अगर हमने लाइट बंद कर दी तो वह चली न जाए। ऐसा होना लाज़मी है क्योंकि उनकी ज़िन्दगी में यह मौका सालो बाद आया है। कुछ दिन पहले ही ग्लोबल हिमालयन एक्सपिडिशन ने यह सोलर माइक्रो ग्रिड्स लगाए थे। लेड और लाइट्स लगने के बाद वहां के लोगो ने जमकर सेलिब्रेशन किया। पारस लुम्बा ग्लोबल हिमालयन एक्सपिडिशन के संस्थापक है। उन्होंने बताया की मोनेस्ट्री को रोशन करने के लिए यह एक्सपिडिशन 12 दिन का था। आज वहां के हर घर में लाइट है और लोगो की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है।