दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. लेकिन अब लोग एक-दूसरे की मदद के लिए भी आगे आ रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के चलते लागू 21 दिन के लॉकडाउन के बीच भारतीय मूल के लोगों ने जरूरतमंदों की सहायता के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं. देश में अब तक 4,100 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और एक व्यक्ति की इससे मौत भी हुई है. भारतीय मूल के इम्तियाज सूलिमान द्वारा स्थापित गैर सरकारी संगठन ‘गिफ्ट ऑफ द गिवर्स’ स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों और संस्थानों को रक्षात्मक मास्क, दस्ताने, चिकित्सा उपकराण और खाने-पीनें की चीजें वितरित कर रहा है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रीटोरिया में भारतीय मूल के लोगों द्वारा संचालित संगठनों ने जरूरतमंदों को साबुन बांटने के लिए धार्मिक संस्थानों और सरकार के साथ हाथ मिलाया है. ऑपरेशन एसए तथा लॉडियम डिजास्टर मैनेजमेंट घनी आबादी में रहने वाले लोगों को साबुन बांटने का काम पहले ही शुरू कर चुके हैं.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि डरबन में खुद को गंभीर जोखिम होने के बावजूद भारतीय मूल के 92 वर्षीय डॉक्टर नीलान गोवेंद्र ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों के लिए अपनी चिकित्सा सेवा खुली रखने का संकल्प किया है. हालांकि, बुजुर्ग लोगों को विषाणु का अधिक खतरा होने के चलते उन्हें घरों में रहने और खुद को पृथक रखने की सलाह दी गई है, लेकिन डॉक्टर का कहना है कि दूसरों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना सबसे बड़ा बलिदान है और वह यह करना चाहते हैं. भारतीय मूल के मशहूर फिल्म निर्माता अनंत सिंह ने अपनी 10 सर्वाधिक लोकप्रिय फिल्म ऑनलाइन नि:शुल्क उपलब्ध कराई हैं, जिससे कि लॉकडाउन के दौरान लोगों का मनोरंजन हो सके.
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