बैंगलोर: कर्नाटक के शिवमोग्गा में सोमवार (1 अक्टूबर) को ईद-ए-मिलाद-ए-नबी जुलूस में शामिल लोगों द्वारा किए गए पथराव के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया। इस पथराव में चार लोग घायल हो गये। रागीगुग्गा इलाके में जहां घटना हुई थी, वहां एहतियात के तौर पर CrPC की धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, आयोजन स्थल पर लगे टीपू सुल्तान के एक कटआउट में उसे हिंदुओं की हत्या करते हुए दिखाया गया था।
VIDEO | Tensions in Karnataka's Shivamogga after incident of stone pelting; police forces deployed in several localities. More details are awaited. pic.twitter.com/KKBokZUL0A
— Press Trust of India (@PTI_News) October 1, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जुलूस में टीपू सुल्तान का एक कटआउट लगा हुआ था, जहाँ उसे दो "भगवा रंग" के लोगों को मारते हुए दिखाया गया था। यह समझने वाली बात थी कि इसमें टीपू को हिंदू योद्धाओं को मारते हुए दिखाया गया था। हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कटआउट पर आपत्ति जताई, तो पुलिस हरकत में आ गई। कर्नाटक पुलिस का कहना है कि, "थोड़ी सी विवादास्पद सामग्री" के कारण तनाव फैल गया। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पथराव के विरोध में हिंदू सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जुलूस को रोक दिया। पुलिस की कार्रवाई से नाराज इस्लामवादियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया और पथराव किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
ಕಾವೇರಿ ಸಮಸ್ಯೆ ಬಗೆಹರಿಸಲು ಆದ್ಯತೆ ನೀಡದ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಸರ್ಕಾರ ಕೋಮು ಗಲಭೆ ಸೃಷ್ಟಿಸಲು ಕುಮ್ಮಕ್ಕು ನೀಡುತ್ತಿರುವುದು ಖಂಡನೀಯ.
— Dr. C.N. Ashwath Narayan (@drashwathcn) October 1, 2023
ಶಿವಮೊಗ್ಗದಲ್ಲಿ ಮತಾಂಧ ಟಿಪ್ಪುವಿನ ಕಟೌಟ್, ತಲ್ವಾರ್ ಕಮಾನುಗಳನ್ನು ಅಳವಡಿಸಲು ಅವಕಾಶ ಕೊಟ್ಟು, ಸರ್ವ ಜನಾಂಗದ ಶಾಂತಿಯ ತೋಟವನ್ನು ಸಮಾಜಘಾತುಕರ ತಾಣವಾಗಿ ಪರಿವರ್ತನೆ ಮಾಡಲು ರಾಜ್ಯ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಸರ್ಕಾರ… pic.twitter.com/DBJIJqy8Tb
शिवमोग्गा के एसपी जीके मिथुन कुमार ने दोनों समुदायों के स्थानीय नेताओं से संपर्क किया और उनसे स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करने का आग्रह किया। इसके अलावा, आयोजकों को विवादित चित्रों और कटआउट को पर्दे से ढकने के निर्देश जारी किए गए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षेत्र में कोई और तनाव न फैले। साथ ही पुलिस ने कई उपद्रवियों को हिरासत में लिया है।
सांप्रदायिक तत्वों को बढ़ावा दे रही कांग्रेस सरकार- भाजपा
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, भाजपा MLA सीएन अश्वथ नारायण ने तस्वीरें साझा कीं है, जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह इस्लामवादियों ने ईद के जुलूस पर कब्जा कर लिया। एक तस्वीर में एक बड़ी तलवार थी जिस पर उर्दू में कुछ लिखा हुआ था। एक अन्य तस्वीर में मुगल शासक औरंगजेब की छवि दिखाई गई, जिसने एक मस्जिद के बाहर हजारों हिंदुओं की हत्या कर दी थी। अन्य दो तस्वीरों में शहर में टीपू और इस्लामी झंडों के बड़े-बड़े कटआउट लहराते दिख रहे हैं।
भाजपा विधायक ने लिखा कि, 'यह निंदनीय है कि कांग्रेस सरकार, जो कावेरी समस्या को हल करने को प्राथमिकता नहीं देती, सांप्रदायिक दंगों को बढ़ावा दे रही है। राज्य की कांग्रेस सरकार शिवमोग्गा में कट्टर टीपू के कटआउट और तलवार मेहराब की स्थापना की अनुमति देकर सम्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है। शिवमोग्गा से भाजपा विधायक चन्नबसप्पा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की परेशान करने वाली स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह अशांति फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करे न कि उन्हें सशक्त बनाये।
Later they say few pelted stones on the procession. Though not one video released of it yet some believe a distant possibility.
— Chakravarty Sulibele (@astitvam) October 2, 2023
Somehow Muslims wanted to provoke Hindu community. Just look at the cutout they displayed in-front of Masjid yesterday. Which says Aurangjeb built… pic.twitter.com/vNLyCgZhhn
उन्होंने आगे लिखा कि,, हाल ही में एक घटना घटी जहां एक रसोइया काम से लौट रहा था और उसके सिर पर हमला कर दिया गया। यह स्पष्ट नहीं है कि अपराधी कौन थे। लेकिन ये हिंसक तत्व लोगों पर बोतलों से हमला करने और घरों में घुसकर हिंसा करने के लिए जाने जाते हैं। यह निर्दोष लोगों पर जानबूझकर किया गया हमला प्रतीत होता है।' चन्नबसप्पा ने कहा कि जब तक सभी तथ्य सामने नहीं आ जाते तब तक वह आगे कोई टिप्पणी करने से बचेंगे। स्तंभकार और युवा ब्रिगेड के सदस्य चक्रवर्ती सुलीबेले ने घटना के कई वीडियो साझा किए। एक वीडियो में एक महिला को यह कहते हुए सुना गया, "यप्पा, वे पुलिस को पीट रहे हैं"। एक अन्य वीडियो में, क्षेत्र में धारा 144 लागू होने के बावजूद इस्लामवादियों को हाथों में तलवारें लेकर जश्न मनाते देखा गया।
सुलीबेले ने बताया कि कुछ दिन पहले हिंदुओं ने गणेश विसर्जन जुलूस निकाला था, जो बिना किसी समस्या के निकला था। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि, 'मुसलमानों को जेलों से बाहर लाने में सरकार का हाथ होता है, और गृह मंत्री स्वयं उन उपद्रवियों को रिहा करने का रास्ता खोजने के लिए पत्र लिखते हैं! कर्नाटक के बुरे दिन।'
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