तालिबान के आतंक राज में 'संगीत' भी हराम, जान बचाकर देश से भाग रहे संगीतकार

तालिबान के आतंक राज में 'संगीत' भी हराम, जान बचाकर देश से भाग रहे संगीतकार
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काबुल: अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के साथ ही अफगान संगीत से जुड़े कलाकार जान बचाने के लिए या तो देश छोड़ कर पलायन रहे हैं, या अपने वाद्ययंत्रों को छिपा रहे हैं. पिछले महीने तालिबान ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था, इसके बाद से संगीत जगत से जुड़े लोग भयभीत हैं और वे अपने दफ्तरों को बंद कर रहे हैं और कुछ ने तो अपने वाद्य यंत्रों को स्टोर रूम में छिपा दिया है. 

अफगानिस्तान से जान बचा कर कुछ कलाकार और गायक पाकिस्तान पहुंचने लगे हैं. बता दें कि, आतंकी संगठन तालिबान ने पिछले महीने 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था. देश छोड़कर भागने वाले ऐसे ही एक गायक पाशुन मुनावर ने कहा कि यदि हम अपना पेशा छोड़ भी दें, तो भी तालिबान हमें नहीं छोड़ेगा. काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से संगीत के सभी कार्यक्रम कैंसिल हो गए हैं. एक और गायक अजमल ने कहा कि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद उन्होंने अपना पहनावा बदल लिया और पेशावर आ गए. 

उन्होंने आगे कहा कि, हमारी तालिबान से कोई दुश्मनी नहीं है. हम उन्हें अपना भाई मानते हैं, किन्तु चूंकि उन्हें हमारा काम नहीं पसंद है, इसलिए उनके शासन में हम असुरक्षित महसूस करते हैं. अफगान संगीत पसंद करने वालों ने अफगानिस्तान में तेजी से तब्दील होते हालात के बाद अपने कार्यालय बंद कर दिए हैं.

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