साल 2018 में एक इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या का मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. यह मामला इस समय ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है और इस मामले को सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के मामले से कम्पेयर किया जा रहा है. आप सभी को बता दें कि इस मामले में साल 2018 में महाराष्ट्र पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और दो अन्य व्यक्तियों - फिरोज शेख और नीतेश सारदा - के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
जी दरअसल इन तीनों पर इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक (53) और उनकी मां को आत्महत्या करने के लिए उकसाने का आरोप था. इस मामले में एक मशहूर वेबसाइट ने बताया था कि 'आत्महत्या करने से पहले अन्वय ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था. इसमें उन्होंने लिखा कि आरोपितों ने उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर किया क्योंकि वे (आरोपित) उनके 5.40 करोड़ रुपये नहीं चुका रहे थे.' अन्वय नाइक और उनकी माँ दोनों के शव अलीबाग तालुका स्थित उनके फार्महाउस में मिले थे. इस मामले में अन्वय का शव पंखे से लटका हुआ पाया गया था और उनकी मां का शव पलंग पर मिला.
उसके बाद उनकी पत्नी अक्षता नाइक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और एफआईआर के मुताबिक बताया गया था कि अर्णब गोस्वामी पर बॉम्बे डाइंग स्टूडियो प्रोजेक्ट के तहत 83 लाख रुपये का बकाया था. वहीं फिरोज शेख ने अंधेरी में चल रहे अपने प्रोजेक्ट के लिए चार करोड़ रुपये लिए थे जो उसने कथित रूप से नहीं चुकाए. वहीं तीसरे आरोपित नीतेश सारदा पर 55 लाख रुपये बकाया था. उसने मगरपट्टा और बानेर स्थित अपने दो प्रोजेक्ट के लिए यह रकम ली थी.
इस मामले में रायगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक अनिल पारसकर ने बताया था कि 'मृतक ने अपने सुसाइड नोट में अर्णब गोस्वामी, फिरोज शेख और नीतेश सारदा को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है.' वहीं इस केस में रिपब्लिक टीवी के संपादक निरंजन नारायणास्वामी ने कहा था कि, 'निहित स्वार्थों के चलते कुछ समूह रिपब्लिक टीवी के खिलाफ झूठा और दुर्भावनापूर्ण अभियान चला रहे हैं और अन्वय नाइक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के मामले में झूठे बयान दे रहे हैं. समझौते के तहत सभी बकाए रिपब्लिक टीवी द्वारा चुका दिए गए थे.' अब जब से सुशांत आत्महत्या का केस सामने आया है तब से लोग मुंबई के एक आर्किटेक्चरल और इंटीरियर डिज़ाइनिंग फर्म के प्रबंध निदेशक अन्वय नाइक के लिए भी न्याय मांग रहे हैं.
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