कोरोना महामारी को चार साल हो चुके हैं, लेकिन इसके खतरनाक प्रभाव आज भी लोगों की जिंदगी में नजर आ रहे हैं। हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि कोरोना के कारण आज भी 40 प्रतिशत लोग मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो कोरोना से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, लेकिन महामारी का असर अब भी उनकी मानसिक सेहत पर बना हुआ है।
कोविड का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि कोरोना ने लोगों की मानसिक सेहत पर गहरा असर डाला है। भारत समेत अन्य देशों के लोग इस बीमारी के दौरान कई महीनों तक अपने घरों में बंद रहे थे, और इसे एक ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया गया था। हालांकि, चार साल बाद भी इसका प्रभाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।
सर्वे में क्या खुलासा हुआ?
भारत में किए गए एक सर्वे के अनुसार, 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग अब भी मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जबकि वे कोरोना से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। जब इन लोगों से पूछा गया कि ठीक होने के बाद भी किस प्रकार की समस्याएं बनी हुई हैं, तो उन्होंने स्ट्रेस, एंग्जायटी जैसी समस्याओं का सामना करने की बात की। इन समस्याओं में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है। कोलकाता के कोविड मरीजों को भी इस सर्वे में शामिल किया गया, और पाया गया कि 45 प्रतिशत लोगों की मानसिक स्थिति लगातार खराब हो रही है। वहीं, 41 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को दूसरी मानसिक समस्याएं भी हो रही हैं।
कोरोना के बाद मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे सर्वाइवर
सर्वे में यह भी पाया गया कि 84 प्रतिशत सर्वाइवर ने अपनी मानसिक स्थिति को लेकर बात करते हुए कहा कि उन्हें डिप्रेशन, एंग्जायटी और इंसोम्निया जैसी दिक्कतें हो रही हैं। साल 2022 की लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के दौरान 35 प्रतिशत लोगों ने गंभीर डिप्रेशन का अनुभव किया था।
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