प्रत्येक महीने शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि प्रदोष व्रत रखा जाता है। 30 जुलाई को सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। बता दें कि यह अधिक मास पहला प्रदोष व्रत है। इस के चलते भगवान महादेव की पूजा करना बेहद ही लाभदायी होगा। रवि योग और सवार्थ अमृत योग का निर्माण भी हो रहा है। मन्यताएं हैं कि प्रदोष व्रत रखने वाले व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। साथ ही महादेव एवं माता पार्वती की विशेष कृपा बरसती है। इस दिन पूजा के बाद महादेव की इस आरती से पूजा संपन्न करें...
शिव जी की आरती:-
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा
ॐ जय शिव..
एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
ॐ जय शिव..
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
ॐ जय शिव..
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी
ॐ जय शिव..
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे
ॐ जय शिव..
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता
ॐ जय शिव..
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका
ॐ जय शिव..
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी
ॐ जय शिव..
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे
ॐ जय शिव..
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