मालाओं का महत्व आज से नहीं बल्कि प्राचीन समय से देखने को मिलते आ रहा है जिसमे हर माला का अपना अलग महत्व होता है. आपने कई बार मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थल पर साधु या संत के हांथो में विभिन्न प्रकार की माला देखी होगी जिसका वह जाप करता है. माला का जाप करना भी एक प्रकार की साधना होती है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने ईश्वर का नाम स्मरण करना रहता है. माला का जाप करने से व्यक्ति के मन का भटकाव स्थिर होता है और उसके मन को शान्ति मिलती है. माला कई प्रकार की होती है और इन्हें धारण करने का कुछ न कुछ महत्व अवश्य होता है. तो आइये जानते है की कौन सी माला का क्या महत्व होता है?
स्फटिक की माला – स्फटिक शुक्र ग्रह से सम्बंधित होता है यदि व्यक्ति इसकी माला को धारण करता है तो वह शुक्र ग्रह के हानिकारक प्रभाव से बच सकता है. स्फटिक की माला का उपयोग मन्त्र जाप के लिए भी किया जाता है जिसमे 108 मोती होते है.
तुलसी की माला – हिन्दू धर्म में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है यदि व्यक्ति तुलसी की माला धारण करता है तो इससे उसकी आत्मा पवित्र होती है और विचारों में शुद्धता आती है. तुलसी की माला भगवान विष्णु या कृष्ण के भक्तों द्वारा धारण की जाती है.
रुद्राक्ष की माला – रुद्राक्ष को भगवान् शिव का प्रतीक माना जाता है इसे धारण करने वाले व्यक्ति को किसी नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होने की सम्भावना नही होती है ये व्यक्ति को सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है.
चन्दन की माला – चन्दन एक पवित्र और सुगन्धित लकड़ी होती है इसकी माला धारण करने वाले व्यक्ति के शरीर में नयी ऊर्जा का संचार होता है जिसकी वजह से उसके मन की एकाग्रता बनी रहती है और उसके लिए भगवान का ध्यान करना बहुत आसान हो जाता है.
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