केरल की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एक हलफनामा दायर कर आवारा कुत्तो और हिंसक प्रवृति के कुत्तो को जान से मारने की अनुमति मांगी है। जी दरहसल केरल सरकार का मानना है की पिछले कुछ महीनो से आवारा कुत्तो का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। केरल में 1.2 लाख लोगो को आवारा कुत्तो ने काटा है। केरल सरकार ने बताया की बीते 5 साल में आवारा कुत्तो ने 8 लाख लोगो को काटा है। वही केरल सरकार की मांग है की रेबीज़ जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित कुत्तो को जान से मारने की अनुमति दे।
खाने में दवाई मिलाकर किया जाएगा आवारा कुत्तो का टीकाकरण
एम. बी. राजेश ने बताया की केरल पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के सहयोग से टीकाकरण का अभियान शुरू किया जायेगा। विश्वविद्यालय की तरफ से स्वयंसेवकों और कुडुम्बश्री कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वही एम.बी राजेश का कहना है की टीकाकरण अभियान के लिए सरकार कुछ वाहन किराये पर लेगी इसके लिए ब्लॉक पंचायत, नगर निगम, पंचायतो को धन आवंटन करेंगी। मंत्री एम. बी राजेश का कहना है की वो कुत्तो को खाने के ज़रिये दवाइयों के डोस को पूरा करेंगे।
जानवरों के अधिकारों का रखे ध्यान: सुप्रीम कोर्ट
याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा की हम मे से अधिकतर लोगो को कुत्तो से प्यार होता है। जस्टिस खन्ना ने कहा की, में खुद भी कुत्तो से बहुत प्यार करता हूँ, उन्हें भोजन कराता हूँ, तथा उनके साथ खेलता भी हूँ, व उन्हें टहलाता भी हूँ। ऐसे में जल्दबाजी में कुत्तो को जान से मरने का निर्णय सही साबित नहीं होगा। हम सब को इसके लिए कुछ और रास्ता खोजने की ज़रूरत है। वही उन्होंने कहा की गुस्से वाले प्रवत्ति के कुत्तो को अलग किया जायेगा व उनका इलाज किया जायेगा।
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