वर्ष 2016 कई तरह की उथल - पुथल भरा रहा। कई हस्तियों ने सफलता पाई तो कुछ हस्तियों ने इस संसार को अलविदा कहा। संसार को अलविदा कहने वालों में राजनीति, कारोबार, सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों के नाम शामिल रहे।
ये ऐसी हस्तियां थीं जिनकी अनुपस्थिति उनसे जुड़े लोगों को दुख में डाल गई तो दूसरी ओर इनके न रहने से हुए नुकसान को भरना बेहद मुश्किल माना जा रहा है। राजनीति, कारोबार और विभिन्न क्षेत्रों में इनका बेहद अहम योगदान रहा। वर्ष को अलविदा कहने के ही साथ राजनीतिक दिग्गजों ने विश्व को अलविदा कहा। इन नेताओं में प्रमुख रहे
एबी बर्धन
सीपीआई नेता एबी बर्धन द्वारा 2 जनवरी को दिल्ली के जीबी पंत चिकित्सालय में अंतिम सांस ली। दरअसल वामपंथी नेता बर्धन 1996 से 2012 तक करीब 4 बार सीपीआई महासचिव नियुक्त रहे।
मुफ्ती मोहम्मद सईद
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद बीमार हो गए थे। इस दौरान उनका उपचार किया गया लेकिन अस्पताल में भर्ती होने और उपचार के बाद 7 जनवरी को अस्पताल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। दरअसल उन्हें सांस में परेशानी होने पर चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। मुफ्ती ने कश्मीर की राजनीति में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया था इतना ही नहीं वे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष थे और कश्मीर में भाजपा पीडीपी के गठबंधन वाली सरकार गठित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके निधन के बाद महबूबा मुफ्ती को जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री बनाया गया।
शंकर प्रसाद जायसवाल
भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता और काशी से तीन बार के सांसद शंकर प्रसाद जायसवाल का निधन हो गया। जायसवाल वाराणसी से तीन बार सांसद रहे थे। उनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर हुआ। उन्होंने 83 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहा।
डाॅ. बलराम जाखड़
डाॅ. बलराम जाखड़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे। वे एक विद्वान भी थे। उन्हें संस्कृत और कई भाषाओं का अच्छा ज्ञान था। राजनीतिक जीवन में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। दरअसल वे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रहे थे और वे मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे थे। डाॅ. जाखड़ का जन्म पंजाब में फिरोजपुर जिले के पंचकोसी गांव में हुआ था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वे 10 वर्ष तक लोकसभा अध्यक्ष रहे थे।
लालमुनि चौबे
जनसंघ के प्रमुख नेता लालमुनि चौबे और 1972 में चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। चौबे को ईमानदारी व सादगीपूर्ण जीवन हेतु उन्हें जाना जाता है।
शशिकला काकोडकर
शशिकला काकोडकर महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी की नेत्री रही हैं गोवा के प्रथम मुख्यमंत्री दयानंद बंडोडकर की वे पुत्री हैं। दयानंद जी की मृत्यु के बाद उन्हें गोवा की मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला।
राम नरेश यादव
मध्यप्रदेश के पूर्व राज्यपाल और राजनीति में सादगी पसंद व्यक्तित्व के लिए जाने जाने वाले रामनरेश यादव राजनीतिक क्षेत्र की एक बड़ी शख्सियत थे। वर्ष 1977 के जनता पार्टी की सरकार के आने पर वे उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए। वे एक कुशल राजनेता थे। कांग्रेस को उन्होंने सशक्त नेतृत्व दिया। उत्तरप्रदेश की राजनीति में उनका महत्वपूर्ण योगदान था वे जनता पार्टी से थे मगर बाद में वे कांग्रेस में शामिल हुए।
जयललिता
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक की मुख्यमंत्री जे जयललिता का 5 दिसंबर को निधन हो गया था। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर छा गई। उनके निधन के बाद 7 दिन का शोक तमिलनाडु में रखा गया और 1 दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया गया था।
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