नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने वक्फ अधिनियम (एक्ट) 1995 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर 20 अप्रैल 2022 को एक नोटिस जारी किया है। इस मामले में वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि वक्फ अधिनियम भारत में धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध है।
बता दें कि कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी और दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस नवीन चावला की खंडपीठ ने इस मामले में गृह मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारत के विधि आयोग को नोटिस जारी करते हुए उन्हें 4 हफ्ते के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल वक्फ बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने वक्फ अधिनियम को चुनौती देने के बाद भी वक्फ बोर्ड की पैरवी नहीं की है। अदालत ने केंद्रीय वक्फ बोर्ड को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया और याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय को मामले में उन्हें एक पक्ष बनाने के लिए कहा। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को निर्धारित की गई है।
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