नई दिल्ली: पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों ने बीते दिनों सभी को हैरान किया. वहीं अब राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ''कच्चे पेट्रोलियम, हाई स्पीड डीजल, नेचुरल गैस और जेट फ्यूल को GST के दायरे में लाया जा सकता है.'' जी हाँ, इसके लिए राज्यों की मंजूरी जरूरी है और वर्तमान में पेट्रोल-डीजल और अन्य पेट्रोलियम पर राज्य सरकार खुद टैक्स लगाते हैं. जी दरअसल, सरकार की कमाई का बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम पदार्थों पर लगाए गए टैक्स से वसूली जाती है. इस मामले में विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पेट्रोलियम पदार्थ GST के दायरे में आते हैं तो कीमत पर लगाम लग जाएगी.
वहीं मिली खबरों के मुताबिक़ पहले चरण में जेट फ्यूल (ATF) और नेचुरल गैस को GST के दायरे में लाया जाएगा. आप सभी को बता दें, जब GST को लागू किया गया था तब मोदी सरकार ने पांच पेट्रोलियम पदार्थों- पेट्रोल, डीजल, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस और ATF को इसके दायरे से बाहर रखा था. वहीं इस लिस्ट में बाद में रसोई गैस, केरोसिन और नेप्था (मिट्टी का तेल) को शामिल किया गया.
आप सभी को बता दें कि पिछले दो दिनों से पेट्रोल-डीजल का भाव स्थिर है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे तेल की कीमत में गिरावट दर्ज की गई है. इसी के साथ पिछले दिनों अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी के बाद कच्चे तेल की कीमत में उछाल आया था लेकिन, तनाव कम होने के बाद फिर से कीमत में गिरावट आ गई है.
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