देश में पेट्रोल डीज़ल के दामों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। आज ही मुंबई में डीजल की कीमत 73.90 रुपये प्रति लीटर है ओर पेट्रोल की कीमत 85.47 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह कभी-कभार इनके दाम काम भी होते है। लेकिन क्या आप जानते है कि पेट्रोल और डीज़ल के दाम इतनी जल्दी जल्दी काम ज्यादा क्यों होते है और इनकी कीमते कौन और कैसे तय करता है। अगर आप नहीं जानते तो निराश मत होइए क्योकि हम आपको बताते है पेट्रोल और डीज़ल के दामों से जुडी सभी जानकारी।
सबसे पहली कीमत उत्पादक तय करते है
पेट्रोल डीज़ल के दामों में सबसे पहला असर उसे उत्पादित करने वाले खाड़ी देशों द्वारा किया जाता है। दरअसल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर के अधिकतर हिस्सों में खाड़ी देशों से ही पेट्रोल ख़रीदा जाता है। यह देश और इनकी तेल उत्पादन करने वाली कम्पनियाँ तेल के उत्पादन की मात्रा के अनुसार इसकी पहली कीमत तय करते है।
विश्व जैव ईंधन दिवस 2018: पीएम मोदी बोले, जल्द ही जैविक कचरे से बनाएंगे ईंधन
फिर आता है रिफाइनिंग का खर्चा
धरती से निकला तेल कच्चा तेल होता है और उसे पेट्रोल या डीज़ल में बदलने के लिए उसे रिफाइन करना पड़ता है जो थोड़ी महंगी प्रक्रिया है। इस वजह से तेल की कीमतों में रिफाइनिंग का खर्चा भी जुड़ जाता है।
फिर जुड़ता है ट्रांसपोर्टिंग शुल्क
पेट्रोल डीज़ल के उत्पादन के बाद उसे विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है और पेट्रोल या डीज़ल को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने की प्रक्रिया बेहद जोखिम भरी होती है। इसीलिए इसका खर्चा आम निर्यात से ज्यादा होता है। इस वजह से इसकी कीमत और बढ़ जाती है।
इतना बदल गए अनूप सोनी कि पहचान पाना हुआ मुश्किल
अब आते है TAX
पेट्रोल और डीज़ल उन चीजों में से है जिनपर सबसे ज्यादा टैक्स लगता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हम जिस कीमत पर पेट्रोल खरीदते हैं उसका सिर्फ 48 फीसदी उसका निर्माण मूल्य होता है और बाकि का पूरा हिस्सा टैक्स होता है। भारत में पेट्रोल डीज़ल पर दो स्तर पर टैक्स लगाया जाता है।
- सबसे पहले पेट्रोल डीज़ल पर केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी और डीलर का कमीशन जोड़ा जाता है।
- इसके बाद विभिन्न राज्य अपना-अपना टैक्स लगते हैं और फिर अंतिम कीमत तय की जाती है।
और अंत में आती है राजनीति !
जी हाँ देश में पेट्रोल डीज़ल के दामों में उतार-चढ़ाव आने में राजनीति भी जिम्मेदार होती है। दरअसल राजनीति के जानकार और सूत्र बताते है कि कई बार कुछ राज्यों की सरकारे चुनाव आने से पूर्व अपने राजनितिक फायदे के लिए या बाद में टैक्स में बढ़ोतरी या कमी कर के भी तेल की कीमते काम ज्यादा कर देती है।
यह भी पढ़े
महंगाई की मार लगातार दूसरे दिन बढे पेट्रोल डीजल के दाम
डीजल की कीमत अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर
देश में खुलने जा रहे हैं पोर्टेबल पेट्रोल पंप, ऐसे होगा भुगतान