नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर पूरी दुनिया में हंड़कंप मचा हुआ है. ब्रिटेन, अमेरिका, इजरायल सहित कई देशों में ओमिक्रॉन के केस रफ्तरा से बढ़ रहे हैं. भारत में भी ओमिक्रॉन की गति तेज हो गई है. इसी बीच एक राहत की खबर अमेरिका से आई है, जहां कोरोना की दवा Paxlovid को आपतकालीन उपयोग की अनुमति प्राप्त हो गई है. दावा है कि इस दवा को लेने के पश्चात् रोगियों के हॉस्पिटल में एडमिट होने और मौत होने के चांस बहुत कम हो जाएंगे.
क्या है Paxlovid?
Paxlovid कोरोना की दवा है, जिसे चिकित्सकों की सलाह पर रोगियों को दिया जाएगा. इस दवा को अभी अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने केवल आपतकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी है. ये दवा अमेरिकी कंपनी Pfizer ने बनाई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस दवा को कोरोना के खिलाफ जंग में बड़ा फैसला बताया है. वही ये दवा अभी केवल उन रोगियों को दी जाएगी जिनकी आयु 12 वर्ष से ऊपर होगी तथा जिनका वजन कम से कम 40 किलो होगा. इसका अर्थ ये हुआ कि यदि आपकी आयु 12 वर्ष के ऊपर है, मगर वजन 40 किलो से कम है तो ये दवा नहीं दी जाएगी. इस दवा का 5 दिन का कोर्स होगा. हालांकि, इस दवा को अभी तक कोरोना के लिए अनुमति नहीं प्राप्त हुई है, मगर इसे आपातकालीन के तौर पर उपयोग किया जा सकता है.
वही ऐसा नहीं है. Paxlovid कोरोना की वैक्सीन का सब्सटीट्यूट नहीं है. ये सिर्फ कोरोना की दवा है जो इसके उपचार में काम आएगी. वैक्सीन कोरोना से बचाने में बहुत हद तक कारगर है. क्लीनिकल ट्रायल में ये दवा सुरक्षित सिद्ध हुए है. FDA के अनुसार, कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल में 18 वर्षों से ऊपर के 2,100 व्यक्तियों को सम्मिलित किया था. इसमें से 1,039 को Paxlovid दवा तथा 1,046 को प्लासबो दिया गया था. परिणामों के अनुसार, Paxlovid रोगियों के हॉस्पिटल में एडमिट होने और मौत होने के खतरे को 88% तक कम कर देती है. इसके अतिरिक्त जिन लोगों को Paxlovid दी गई थी, उनमें से 0.6% ही थे जिन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करने की आवश्यकता पड़ी या मौत हुई. वहीं, प्लासबो कैंडिडेट में ये आंकड़ा 6% का था.
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