बेंगलोरः कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर एत जांच में गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि बहुत से राजनेताओं, नौकरशाहों और पत्रकारों के फोन को पूर्व सीएम कुमारस्वामी के कार्यकाल के दौरान टेप करवाया गया था। हालांकि वह इसमें किसी भी तरह शामिल होने की बात से इनकार कर रहे हैं। इसकी शुरुआत बंगलूरू के पुलिस आयुक्त पद के लिए कर्नाटक पुलिस में अधिकारियों के बीच एक आंतरिक लड़ाई के तौर पर हुई।
क्लिप प्रसारित होने के कुछ दिनों बाद, सिद्धारमैया, पूर्व गृह मंत्री एमबी पाटिल, मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा के पूर्व गृहमंत्री आर अशोक उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने इस फोन टैपिंग के मामले में जांच की मांग की थी। कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने नवंबर 2018 के आसपास हुए कथित अवैध फोन टैपों के बारे में मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। इस दौरान कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के बागी विधायक सरकार को मंत्रीपद को लेकर धमकी दे रहे थे।
फोन टैपिंग का यह मामला तब सामने आया जब कर्नाटक के एक स्थानीय चैनल पर कथित रूप से कांग्रेस आलाकमान से जुड़े एक व्यक्ति के साथ राव की बातचीत सामने आई। राव को दो अगस्त को येदियुरप्पा ने पुलिस आयुक्त बनाया था। उन्होंने 26 जुलाई को पद की शपथ ली थी। कहा जा रहा है कि यह बातचीत जून 2019 से पहले की है जब कुमारस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस-जेडीएस सरकार सत्ता में थी और कर्नाटक के कुछ वरिष्ठ अधिकारी पुलिस आयुक्त के पद को हासिल करने का प्रयास कर रहे थे। राव ने इस कथित लीक बातचीत पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस मुद्दे पर कुमारस्वामी ने अपने किसी इनवोलमेंट से इनकार किया है।
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