नई दिल्ली: 7 मई की शाम को विश्व के कई हिस्से में वर्ष का आखिरी फुल सुपरमून दिखाई दिया। इस समय आसमान ऐसा लग रहा था, जैसे इसे एक बहुत बड़ी बिन्दी लगा दी गई हो। अमेरिका, जापान, जर्मनी, रूस के साथ कई देशों में इस सुपरमून का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
भारत में सुपरमून का संयोग बुद्ध पूर्णिमा के साथ आया है। देखें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से ली गई है यह तस्वीर।
लॉकडाउन की वजह से राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद कम हो गया है और अब आसमान में चांद के साथ तारे भी बिल्कुल साफ नजर आ रहे हैं। वहीं, खगोलीय घटना को देखने के लिए लोग अपने-अपने घर की बालकनी में पहुंच गए।
इससे पहले सुपरमून का नज़ारा फरवरी में देखा गया था। सुपरमूवन का मतलब चांद, उस समय धरती के आसपास अपनी कक्षा में सबसे पास रहता है। यह सामान्य फुल मून की अपेक्षा बहुत बड़ा होता है।
रूस की राजधानी मास्को में कम्युनिस्ट पार्टी के चिन्ह के बीच दिखा चांद। यह दरअसल वर्कर ऐंड कोलकोझ वुमन प्रतिमा का हिस्सा है। जैसे ही सूर्यास्त हुआ, लोग इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए छत और बालकनी में खड़े हो गए।
वहीं अमेरिका के भी सुपरमून का अद्भुत नजारा देखने को मिला, यह दृश्य ऐसा था जैसे चाँद पूरे आसमान पर ही छा गया हो।
नासा ने कहा था कि इस बार चांद तीन दिन तक पूर्ण नजर आएगा, मंगलवार शाम से शुक्रवार सुबह तक यह चांद पूरा ही दिखेगा। देखिए अमेरिका का ये नज़ारा, ऐसा लग रहा है मानो स्टैचू ऑफ लिबर्टी ने चांद को अपने हाथ पर उठा रखा हो।
आपको बता दें कि, अप्रैल में नज़र आया पिंक मून इस वर्ष का सबसे बड़ा चांद था, लेकिन मई का यह सुपरमून बेहद खूबसूरत है।
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