नई दिल्ली : वैसे तो आज के जमाने में हर बात लोग व्हाट्सऐप के जरिए कर लेते है, लेकिन कोर्ट की कार्यवाही के लिए इसका इस्तेमाल कपना शायद ही सार्थक हो। लेकिन समय-समय पर कोर्ट ने कई मामलों में ऐसी याचिकाओं पर सुनवाई की है। लेकिन व्हाट्सऐप की जनहित याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है।
गुरुवार को कोर्ट में एस ऐसा मामला आया, जिसमें अमेरिका में रहने वाले वकील अशोक अरोड़ा ने चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर को बताया कि उन्होने एक व्हाट्सऐप मैसेज किया था। जिसमें मांग की गई थी कि देश में मौलिक कर्तव्यों को लेकर भी दिशा-निर्देश तय किए जाएं। इसे लेकर कोर्ट कोई आदेश जारी करे और वकील, जज व राजनेता आदि अपनी ड्यूटी को भी सही से निभाएं।
वकील ने अनुरोध किया था कि उऩके इस मैसेज को ही याचिका मानकर कार्यवाही की जाए।लेकिन ठाकुर ने इससे साफ इंकार कर दिया। इसके बाद अरोड़ा ने कहा कि उन्होने इस मामले को लेकर शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर दी है और इस पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए। चीफ जस्टिस की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 9 मई को मुकरर्र की है।