भोपाल/ब्यूरो। महिलाओं में होने वाली प्रमुख बीमारियों की जांच और इलाज के लिए राज्य सरकार पिंक अभियान शुरू करने जा रही है। इसमें आठ बीमारियों को शामिल किया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा जोर स्तन कैंसर को लेकर है। इसकी वजह यह कि महिलाओं में होने वाले कैंसर में यह पहले नंबर पर है। हर साल इसके मामले दो से छह प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। बीमारी को जल्दी पकड़ने के लिए जांच पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में पूर्णत: स्वचलित मेमोग्राफी मशीनें लगाई जाएंगी। इन मशीनों से एक घंटे के भीतर स्तन कैंसर का पता चल जाएगा। इसके लिए यह सबसे अच्छी जांच मानी जाती है।
अभी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ एम्स में इस तरह की मशीन है। पहले चरण में छह पुराने मेडिकल कालेज भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर में मेमोग्राफी की सुविधा शुरू होगी। चार महीने के भीतर मशीनें लगाने की तैयारी है। अगले साल रतलाम, विदिशा, शहडोल, छिंदवाड़ा, दतिया, खंडवा और शिवपुरी में सुविधा शुरू की जाएगी। ये मशीनें सरकार की तरफ से ही लगाई जाएंगी।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एक अस्पताल में मेमोग्राफी मशीन लगाने का खर्च करीब तीन करोड़ रुपये आएगा। अभी भोपाल जबलपुर और दतिया के सरकारी मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पताल में मेमोग्राफी की सुविधा है। इनमें एक मशीन की कीमत करीब 35 लाख रुपये है। यह मशीनें पूरी तरह से स्वचलित नहीं हैं, इस कारण जांच की गुणवत्ता भी बहुत अच्छी नहीं रहती।
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