आप सभी जानते हैं कि इन दिनों श्राद्ध चल रहा है और सभी लोग श्राद्ध के लिए सबसे बेहतर जगह कि तलाश में है जहाँ श्राद्ध करने का पुण्य सबसे ज्यादा मिलता हो. ऐसे में 24 सितंबर से श्राद्ध पक्ष शुरू हुए हैं और यह श्राद्ध 16 दिनों के होते हैं आपको बता दें कि इनकी समाप्ति 8 अक्टूबर को होगी ऐसे में आज हम आपको कुछ विशेष तीर्थस्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर श्राद्ध करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है. आइए जानते हैं.
गया - कहा जाता है कि तर्पण के स्थलों में सबसे पहले गया का नाम आता है यह बिहार में है और गया शहर पिंडदान के लिए मशहूर है. ऐसा माना जाता है कि जिसने गया में श्राद्ध कर दिया उसे हर साल अपने पूर्वजों का पिंडदान नहीं करना पड़ता है.
वाराणसी - कहते हैं कि वाराणसी को काशी और बनारस के नाम से पुकारते हैं और यह भगवान शिव की बहुत पवित्र नगरी है. आपको पता ही होगा कि दूर-दूर से लोग आकर यहां पर अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं.
बद्रीनाथ - कहते हैं यह चारों धामों में से एक है और बद्रीनाथ भी श्राद्ध कर्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
इलाहाबाद - कहा जाता है कि यह देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल है और इलाहाबाद शहर में गंगा, यमुना का संगम होता है. मान्यता है कि भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की अनंत चतुर्दशी को इस जगह पितृ पक्ष मेला भी लगता है यहां पर आकर पिंडदान करने का अलग ही महत्व माना जाता है.
कुरुक्षेत्र - कहा जाता है कि हरियाणा का कुरुक्षेत्र भी श्राद्ध कर्म के लिए पवित्र स्थल है.
घर की इस दिशा में दीपक जलाने से मिलती है पितृदोष से मुक्ति