लखनऊ. चेन्नई की कंपनी वाराणसी में जहां ‘इंटीग्रेटेड ऑयल रिफाइनरी’ लगाएगी, वहीं लखनऊ समेत प्रदेश के 17 शहरों में ‘वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट’ भी लगाएगी. रिफाइनरी में जहां, बायो डीजल, जेट फ्यूल और पेयजल बनेगा, वहीं वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में कूडे़ से क्रूड ऑयल तैयार किया जाएगा.
इसके लिए प्रदेश सरकार बेंगलुरु की कंपनी एमके एरोमेटिक्स के साथ फरवरी में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट में करार करेगी. कंपनी वाराणसी में रोजाना 3,000 टन प्लास्टिक वेस्ट, एग्रीकल्चर वेस्ट से फ्यूल ऑयल और डीजल बनाने की रिफाइनरी लगाएगी.
इसके लिए प्रदेश सरकार बेंगलुरु की कंपनी एमके एरोमेटिक्स के साथ फरवरी में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट में करार करेगी. कंपनी वाराणसी में रोजाना 3,000 टन प्लास्टिक वेस्ट, एग्रीकल्चर वेस्ट से फ्यूल ऑयल और डीजल बनाने की रिफाइनरी लगाएगी. समुचित कूड़ा प्रबंधन तंत्र विकसित होने से जहाँ एक ओर तमाम संक्रामक बीमारियों से भी लड़ाई में मुक्ति मिलेगी वहीं दूसरी ओर पर्यावरण सुरक्षा, शहरों की सफाई में भी मदद होगी.
केंद्र सरकार द्वारा कांडला से गोरखपुर तक 700 करोड़ की लागत से गैस पाइपलाइन बनाई जा रही है. इससे पूर्वांचल में न केवल सामाजिक और आर्थिक बदलाव आएगा, बल्कि आजीविका के लिए पूर्वांचल और बिहार से नौजवानों का पलायन भी रुकेगा. कंपनी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर इमरान रिजवी के मुताबिक इस रिफाइनरी को बनाने में कंपनी 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
इसके अलावा पूर्वांचल की तहसीलों में 350 छोटी-छोटी यूनिटें भी लगाई जाएंगी. कंपनी का दावा है कि वाराणसी रिफाइनरी से करीब 10,000 और अन्य रिफाइनरी से 35,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
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