बारिश के सीजन में पैरों को गीला होने से बचाने के लिए लोग प्लास्टिक के शूज या फुटवेअर लेना पसंद करते हैं. कुछ ऐसे फुटवेयर्स भी पहनना पसंद करते हैं जो बारिश में गीले न हो और आपके पैर भी सुरक्षित रहे. बारिश के मौसम में आपको कई तरह के इन्फेक्शन होते हैं. मॉनसून के लिए यह भले ही अच्छे हों लेकिन हेल्थ के लिए यह खतरनाक साबित हो सकते हैं.
फंगल इंफेक्शन का खतरा
एक्सपर्ट्स की मानें तो बिना मोजों के जूते पहनने पर पैरों में बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका मिल जाता है. वहीं प्लास्टिक शूज में यह चांस और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस तरह के जूतों में मॉइस्चर सूखता नहीं है और पैर गीले बने रहते हैं जिससे फंगल इंफेक्शन हो जाता है. अगर किसी को प्लास्टिक से एलर्जी है तो समस्या और गंभीर रूप भी ले सकती है.
लचीलापन नहीं
प्लास्टिक फुटवेअर की एक और बड़ी कमी यह है कि प्लास्टिक लचीला नहीं होता है. शाम के समय पैर सूज जाते हैं. दूसरे शूज के मटीरियल पैर के साइज के मुताबिक अजस्ट कर लेते हैं लेकिन प्लास्टिक में यह क्वॉलिटी नहीं है.
पैरों की समस्या
प्लास्टिक के फुटवेअर में अगर उसका सोल भी प्लास्टिक का है तो उसमें शॉक अब्जॉर्बशन क्वॉलिटी नहीं होगी. ऐसा नहीं होने पर चलने के दौरान पैरों को सीधे झटका लगता है, जिससे हड्डियों से संबंधित समस्या और दर्द की परेशानी हो सकती है.
पैरों में बदबू की समस्या
ज्यादा देर तक प्लास्टिक के फुटवेअर पहनने पर पैरों में बदबू की समस्या भी हो सकती है. प्लास्टिक में किसी भी तरह से हवा नहीं जा सकती, जिस वजह से पसीना सूख नहीं पाएगा और पैरों में स्मेल आने लगेगी.
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