जयपुर: राजस्थान में सीएम गहलोत और पायलट गुट के विधायकों के वेतन और भत्ते रोकने की मांग उठी है. राजस्थान उच्च न्यायालय में इसे लेकर याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया MLA अपने निर्वाचन क्षेत्र में नहीं जा रहे हैं, ऐसे में विधायी कार्य नहीं करने पर उन्हें क्यों सैलरी दिया जाए. बता दें कि गहलोत गुट के MLA जैसलमेर में हैं और पायलट गुट के MLA हरियाणा के मानेसर के एक रिज़ॉर्ट में रुके हुए हैं.
मामले में सीएम, विधानसभा स्पीकर, सचिव और मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया गया है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की पीठ मामले की सुनवाई करेगी. याचिका पर सुनवाई 4 अगस्त को होगी. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बागी होने के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार पर खतरा मंडराने लगा हैं. सीएम गहलोत पहले जहां अपने विधायकों को जयपुर के होटल में रुकवाए थे, तो शुक्रवार को उन्हें जैसलमेर पहुंचा दिया गया था.
बताया जा रहा है कि MLA विधानसभा सत्र के आरंभ होने तक जैसलमेर में ही रहेंगे. हॉर्स ट्रेडिंग से बचने के लिए गहलोत ने अपने विधायकों को होटल में छिपा दिया है. सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को ही कहा था कि जब से विधानसभा सत्र की घोषणा हुई है, तभी से हॉर्स ट्रेडिंग तेज हो गई है. गहलोत का कहना है कि अब विधायकों का मूल्य बढ़ गया है। गहलोत ने तंज करते हुए कहा कि यदि कोई बागी वापस आना चाहे और उसे किस्त ना मिली हो तो वो आ सकता है. बता दें कि राजस्थान में विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से आरंभ होने वाला है.
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