नई दिल्ली : कश्मीर में जारी हिंसा के हालातों के बीच कश्मीरी अलगाववादियों को मिल रही सरकारी सुविधाओं पर रोक लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई। यह याचिका एमएल शर्मा नामक अभिभाषक ने दायर की। इस याचिका में जस्टिस अनिल आर दवे और एल नागेश्वर राव की बेंच ने आवेदन किया। जस्टिस दवे ने इस मामले में अभिभाषक से डायरी नंबर लाने के लिए कहा।
इसके पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कश्मीर के अलगाववादियों की सुविधाऐं वापस लिए जाने के मसले पर यह कहा कि आतंकियों और अलगाववादियों को एक ही विज़न से देखने की आवश्यकता है। अहीर ने मांग की कि अलगाववादियों के विरूद्ध भी देशद्रोह का प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
हंसराज अहीर द्वारा कहा गया कि आॅल पार्टी डेलीगेशन द्वारा अलगाववादियों ने जिस तरह का रवैया अपनाया उससे नेताओं में रोष है। मगर अलगाववादियों को सरकार संरक्षण दे रही है। उन्हें होटल की सुविधाऐं, हवाई यात्रा की सुविधाऐं दे रही है लेकिन इसके बाद भी वे इस तरह का रूख रख रहे हैं।