WHO ने शुक्रवार को एलान किया है कि वह भारत में पारम्परिक दवाइयों के एक वैश्विक केंद्र की स्थापना करने वाला है। इस पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने भरोसा जाहिर किया है कि जिस प्रकार भारत ''विश्व के औषधालय'' के रूप में उभरा है उसी प्रकार यह केंद्र वैश्विक स्वास्थ्य का केंद्र बनेगा। WHO के महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गेब्रेसस ने पीएम मोदी की उपस्थिति में एक वीडियो संदेश के जरिए यह एलान किया।
ये है रणनीति का उद्देश्य: मोदी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में 5वें आयुर्वेद दिवस पर आयुर्वेद संस्थानों जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) को राष्ट्र को समर्पित किए गए थे। गेब्रेसस ने अपने संदेश में कहा "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पारम्परिक और पूरक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुांधान, प्रशिक्षण और जागरूकता बढ़ाने के लिए हम भारत में पारम्परिक दवाइयों का WHO का केंद्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।" अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा, "यह नया केंद्र WHO की पारम्परिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 को क्रियान्वित करने के WHO के प्रयासों में मदद करेगा। इस रणनीति का उद्देश्य स्वस्थ और सुरक्षित विश्व के लिए देशों को नीतयां बनाने और उसमें पारम्परिक चिकित्सा की भूमिका को मजबूती देना है।"
पारम्परिक दवाइयों के वैश्विक केन्द्र के रूप में भारत का चयन: पीएम मोदी ने कहा कि "आयुर्वेद भारत की विरासत है जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई समाई हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण से भारत आज संभली हुई स्थिति में है तो इसमें पारम्परिक चिकित्सा पद्धति का बहुत बड़ा योगदान है जो आज अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यह सम्मान की बात है कि WHO ने पारम्परिक दवाइयों के वैश्विक केन्द्र की स्थापना के लिए भारत को चुना है। उन्होंने कहा, ''अब भारत से दुनिया के लिए इस दिशा में काम होगा। भारत को ये बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं WHO और उसके महानिदेशक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।" जंहा इस बात का पता चला है कि जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान को संसद के नियम के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) का दर्जा दिया जा चुका है जबकि जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को महाविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मानद महाविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है।
आयुर्वेद दिवस: आयुष मंत्रालय 2016 से ही धन्वंतरि जयंती के अवसर पर हर वर्ष आयुर्वेद दिवस मनाता आ रहा है। पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले ही गेब्रेसस से फोन पर बात की थी और इस दौरान वैश्विक आबादी के कल्याण और प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली पारम्परिक चिकित्सा प्रणालियों के महत्व के बारे में चर्चा की जा सकती है। गेब्रेसस ने इस बातचीत में कहा था कि "पारमपरिक चिकित् सा की क्षमता को अभी पर्याप्त सराहना प्राप्त नहीं हुई है। उन् होंने यह भी कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण को प्रोत्साहन देने तथा सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करने के बारे में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।"
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