प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दिवसीय अमेरिकी दौरा आज खत्म हो गया है। यह दौरा कई लिहाज से ऐतिहासिक रहा है। इस लिस्ट में भारतीय कूटनीति से लेकर निजी संबंध तक शामिल है। अब आज पीएम मोदी अमेरिका से देश की अमूल्य धरोहरों को भी वापस ला रहे हैं। जी हाँ, बताया जा रहा है इस बार अमेरिका से लौटते समय उनके साथ 157 कलाकृतियों पुरावशेषों की विरासत भी साथ होगी। मिली जानकारी के अनुसार जो बाइडन प्रशासन की ओर से इन कलाकृतियों को बतौर तोहफा प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा गया है। बताया जा रहा है यह कलाकृतियां पुरावशेष कभी भारत से तस्करी चोरी करके अमेरिका ले जाए गए थे।
इसी के साथ ही पीएम मोदी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सांस्कृतिक वस्तुओं के अवैध कारोबार, चोरी तस्करी से निपटने के प्रयासों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी जताई है। हाल ही में जारी किये गए एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'लगभग आधी कलाकृतियां सांस्कृतिक हैं, जबकि अन्य आधे में हिंदू धर्म, बौद्ध जैन धर्म से संबंधित मूर्तियां हैं।'
वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने भारत के पुरावशेषों की वापसी के लिए अमेरिका के प्रति अपना आभार जताया है। मिली जानकारी के अनुसार इन 157 कलाकृतियों में 10वीं शताब्दी के बलुआ पत्थर में रेवंत के डेढ़ मीटर बेस रिलीफ पैनल से लेकर 12वीं शताब्दी की 8।5 सेंटीमीटर ऊंची कांसे की नटराज मूर्ति भी शामिल है। आप जानते ही होंगे कि मोदी सरकार ने दुनिया भर से भारत की प्राचीन वस्तुओं कलाकृतियों को वापस लाने की मुहिम छेड़ रखी है।
ऐसे में अब यह 157 कलाकृतियां उसी मुहिम के तहत वापस लाई जा रही हैं। केवल यही नहीं, साल 1976 से साल 2013 के बीच सत्ता में आईं विभिन्न केंद्र सरकारें विदेश से केवल 13 पुरावशेष ही वापस लाने में सफल रहीं। हालाँकि यह अलग बात है कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी सरकार की ओर से अब तक 200 से अधिक पुरावशेष या तो वापस आ गए हैं या वापस आने की प्रक्रिया में हैं।
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