नई दिल्ली: ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने गए प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज सुबह दस बजे द्विपक्षीय वार्ता होगी. डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के प्रमुखों की ये पहली अहम मुलाकात है. इस कारण पूरी दुनिया की नजरें इस मुलाकात पर टिकी हुई हैं. आज की इस बैठक में क्या सामने आता हैं इसका इन्तजार हैं.
उल्लेखनीय हैं कि ब्रिक्स सम्मेलन से पहले डोकलाम विवाद में दोनों देशों की सहमति से सेनाएं पीछे हटने से इस समस्या का तात्कालिक समाधान हो गया था. इस कारण ब्रिक्स सम्मेलन की अहमियत बढ़ गई हैं. चीन और भारत के राष्ट्र प्रमुख की मुलाक़ात से पहले पाकिस्तान को बड़ा झटका लग गया हैं, क्योंकि पहली बार ब्रिक्स देशों के घोषणापत्र में आतंक के खिलाफ पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के नाम शामिल किए जाने से पाकिस्तान की घबराहट बढ़ गई हैं, क्योंकि खासकर इसमें आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के नाम शामिल होने से उसके मंसूबों पर असर पड़ना तय हैं.
इसके अलावा दूसरी अहम बात यह हैं कि शियामिन घोषणा पत्र में पांचों देशों, जिनमे चीन भी शामिल है, आतंकियों को मदद और उनका समर्थन करने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराने पर सर्व सम्मति बनी हैं. ऐसे में हर बार चीन के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र में निश्चिन्त रहने वाले पाकिस्तान की बेचैनी अब बढ़ना तय हैं, क्योंकि नवंबर में संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव आएगा. ऐसे में चीन के ऊपर दबाव होगा कि जो वादा ब्रिक्स सम्मेलन में किया अपना वादा संयुक्त राष्ट्र में भी निभाए. यह चीन के लिए परीक्षा की घड़ी होगी. बता दें कि आपसी आर्थिक विकास के लिए पांच देशों ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना और साउथ अफ्रीका यानी ब्रिक्स का गठन किया गया हैं.
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