नई दिल्ली : मोदी सरकार की रेटिंग एजेंसी मूडीज से भारत की रेटिंग बढ़वाने के लिए की जा रही कोशिशों धक्का लगा हैं, क्योंकि मूडीज ने ऐसा कोई भी बदलाव करने से इंकार कर दिया हैं.रेटिंग एजेंसी का कहना हैं कि भारत के कर्ज स्तर और बैंकों की कमजोर स्थिति को देखते हुए रेटिंग नहीं बढ़ाई जा सकती.रॉयटर्स ने कई दस्तावेजों की समीक्षा के बाद यह खबर दी.
बता दें कि यदि पीएम मोदी मूडीज से बेहतर रेटिंग हासिल करने में कामयाब हो जाते, तो इससे देश में विदेशी निवेश बुलाने की कोशिशों को मदद मिलती. भारत सरकार का दावा है कि वह दुनिया में सबसे तेज गति बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. ऐसे में मूडीज रेटिंग में सुधार सरकार की कोशिशों को ताकत मिलती .
गौरतलब हैं कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जब से देश की कमान संभाली है, तब से उन्होंने निवेश बढ़ाने, मुद्रास्फीति को काबू में करने और वित्तीय घाटे को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन उनकी नीतियों को लेकर विश्व की तीन सबसे बड़ी रेटिंग एजेंसियों में से एक ने भी रेटिंग को अपग्रेड करने का प्रयास नही किया.सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार एजेंसी की चिंताओं को दूर करने में असफल रही. दरअसल मूडीज एजेंसी को भारत पर चढ़े कर्ज और भारतीय बैंकों के 136 बिलियन डॉलर यानी 13600 करोड़ रुपए डूबने से बचाने को लेकर भारत के पास क्या रणनीति हैं इसको लेकर चिंता हैं.