नई दिल्ली: क्या देश का प्रधानमंत्री देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के घर किसी समारोह में शामिल नहीं हो सकता ? खासकर किसी धार्मिक समारोह में ? यदि ऐसा होता है, तो इसे प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के बीच सांठगांठ माना जाएगा ? ये तमाम सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि ऐसा हुआ है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा समारोह में भाग लेने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। जिस पर विपक्षी दलों ने आरोप लगाना शुरू कर दिया है।
शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने सीधे तौर पर मिलीभगत का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने कहा है कि पीएम मोदी का दौरा गणपति पूजा समारोह तक ही सीमित था और यह "हमारी संस्कृति का हिस्सा" है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि संविधान के संरक्षक का राजनेताओं से मिलना लोगों के मन में संदेह पैदा कर सकता है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को उस मामले से खुद को अलग करने की सलाह भी दी, जिसमें उद्धव ठाकरे खेमे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के महाराष्ट्र अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी थी। राउत ने कहा, "महाराष्ट्र का हमारा मामला...CJI चंद्रचूड़ के समक्ष सुनवाई चल रही है, इसलिए हमें संदेह है कि हमें न्याय मिलेगा या नहीं, क्योंकि मामले में प्रधानमंत्री दूसरी पार्टी हैं। मुख्य न्यायाधीश को इस मामले से खुद को दूर कर लेना चाहिए, क्योंकि मामले में दूसरी पार्टी के साथ उनके संबंध खुले तौर पर दिखाई दे रहे हैं। क्या सीजेआई चंद्रचूड़ ऐसी स्थिति में हमें न्याय दिला पाएंगे?"
तस्वीर 1- 18 सितंबर, 2009 को नई दिल्ली में तत्कालीन प्रधानमंत्री के आवास पर इफ्तार पार्टी। इसमें एंटोनिया माइनो और तत्कालीन सीजेआई के.जी. बालकृष्णन भी शामिल हुए। यह ठीक है!
— One India News (@oneindianewscom) September 12, 2024
तस्वीर 2- गणपति पूजन के लिए सीजेआई चंद्रचूड़ जी के आवास पर प्रधानमंत्री मोदी। यह ठीक नहीं है!
नाराजगी… pic.twitter.com/wHFcIAlfYS
एक्स पर एक पोस्ट में, राज्यसभा सांसद ने हाल के मामलों को सूचीबद्ध करते हुए सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए हैं। राउत ने कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत सुनवाई पर शीर्ष अदालत के स्वत: संज्ञान का उल्लेख किया। राउत ने ट्वीट किया, ‘‘ऐसे सभी मामलों को समझने के लिए घटनाक्रम को समझना चाहिए।’’ शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी न्यायपालिका पर हमला बोला। चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "उम्मीद है कि उत्सव समाप्त होने के बाद, मुख्य न्यायाधीश महाराष्ट्र और महाराष्ट्र में संविधान के अनुच्छेद 10 की घोर अवहेलना पर सुनवाई पूरी करने के लिए थोड़ा स्वतंत्र महसूस करेंगे। अरे रुकिए, वैसे भी चुनाव नजदीक हैं, इसे किसी अन्य दिन के लिए स्थगित किया जा सकता है।"
इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री ने दिल्ली में चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा उत्सव में हिस्सा लिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र की पारंपरिक पोशाक पहनी थी और उनका स्वागत मुख्य न्यायाधीश और उनकी पत्नी कल्पना दास ने किया। विपक्ष के आरोपों पर तीखा पलटवार करते हुए शिवसेना (शिंदे गुट) सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय पर इस तरह के "निराधार आरोप" लगाना एक "खतरनाक मिसाल" है। देवड़ा ने कहा कि, "विपक्ष द्वारा CJI की विश्वसनीयता को कम करने का यह लापरवाही भरा प्रयास न केवल गैरजिम्मेदाराना है, बल्कि संस्था की अखंडता को भी नुकसान पहुंचाता है।" विपक्ष की टिप्पणियों को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए देवड़ा ने कहा, "जो लोग उनकी (चंद्रचूड़) विरासत और विश्वसनीयता को धूमिल करना चाहते हैं, वे गलत निर्णय ले रहे हैं और राष्ट्र के सर्वोत्तम हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं।"
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