नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा दांव खेला है, मोदी सरकार ने अब आरक्षण का दांव चला है. मोदी सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसद आरक्षण को हरी झंडी दे दी है. ऐसे में आरक्षण का कोटा 49 प्रतिशत से 59 प्रतिशत हो गया है. मोदी कैबिनेट में निर्धारित किया गया है कि यह आरक्षण शिक्षा और नौकरी में दिया जाएगा.
ख़त्म नहीं हो रही फडणवीस सरकार की परेशानी, अब कैबिनेट मंत्री ने बढ़ाई मुसीबत
सरकार इससे जुड़े संशोधन को कल सदन में प्रस्तुत करेगी. दरअसल, एससी-एसटी एक्ट के बाद हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपने तीन राज्य छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश गंवाने पड़े थे. तीनों राज्यों में भाजपा की हार के पीछे एक बड़ा कारण एससी-एसटी एक्ट की वजह से सवर्णों की नाराजगी को माना जा रहा था.
रूस की ब्यूटी क्वीन पर फ़िदा हुए मलेशिया के सुल्तान, शादी के लिए छोड़ा तख्तोताज
इसी को देखते हुए मोदी सरकार ने सवर्ण कार्ड खेलकर इस नाराजगी को कम करने की कोशिश की है. आपको बता दें कि कुछ माह बाद लोकसभा चुनाव निर्धारित हैं. मोदी सरकार को लेकर आम जनता के बीच कुछ मामलों पर नाराजगी है. राम मंदिर समेत भाजपा ने कुछ वादे ऐसे भी हैं, जिन्हे सरकार द्वारा पूरा नहीं किया गया. लेकिन अब सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले के बाद माना जा रहा है कि मोदी सरकार का यह निर्णय पार्टी के लिए 2019 में तुरुप का इक्का सिद्ध हो सकता है.
खबरें और भी:-
नितिन गडकरी ने कर दी इंदिरा गाँधी की तारीफ, भाजपा खेमे में मचा हड़कंप
सपा महासचिव का विवादित बयान, सीबीआई को बताया सरकार का तोता
अमित शाह की चेतावनी पर दहाड़ी शिवसेना, कहा 'ऊपर चढ़ोगे तो सींग से पटक देंगे'