'महिलाओं के खिलाफ अपराध 'अक्षम्य पाप' है..', लखपति दीदी सम्मेलन में बोले पीएम मोदी

'महिलाओं के खिलाफ अपराध 'अक्षम्य पाप' है..', लखपति दीदी सम्मेलन में बोले पीएम मोदी
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मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन में जनता को संबोधित करते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कड़ी निंदा की और इसे "अक्षम्य पाप" बताया। पीएम मोदी ने कहा, "आज मैं एक बार फिर देश के हर राजनीतिक दल और राज्य सरकार से कहना चाहता हूं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध एक अक्षम्य पाप है। दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और जो लोग किसी भी तरह से उनकी मदद करते हैं, उन्हें भी परिणाम भुगतने चाहिए।"

उन्होंने सभी क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जवाबदेही के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, "चाहे वह अस्पताल हो, स्कूल हो, कार्यालय हो या पुलिस व्यवस्था हो, जहां भी लापरवाही होती है, सभी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।" पीएम मोदी ने देश की महिलाओं को आश्वासन दिया कि सरकार अपराधियों को सख्त सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) को उन बाधाओं को दूर करने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उजागर किया, जो पहले न्याय में देरी करती थीं।

पीएम मोदी ने कहा, "हमारी सरकार महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वालों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए लगातार कानूनों को सख्त बना रही है। आज यहां देश की इतनी सारी बहनों-बेटियों के बीच मैं आपको विशेष रूप से बताना चाहता हूं कि पहले एफआईआर समय पर दर्ज नहीं होने, मामलों की सुनवाई नहीं होने और न्याय में देरी की शिकायतें रहती थीं। हमने भारतीय न्याय संहिता में ऐसी अनेक बाधाओं को दूर किया है।"

उन्होंने लोगों को ई-एफआईआर सुविधा की शुरुआत के बारे में भी बताया, जिसके तहत पीड़ित घर बैठे ही केस दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने कहा, "अगर पीड़ित पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहता है, तो वह घर बैठे ही ई-एफआईआर दर्ज करा सकता है। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि कोई भी पुलिस स्टेशन स्तर पर ई-एफआईआर से छेड़छाड़ न कर सके।" प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या को लेकर देश भर में फैले आक्रोश के मद्देनजर आई है, जिसने महिलाओं के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों की जोरदार मांग को जन्म दिया है।

महिलाओं की सुरक्षा को संबोधित करने के अलावा, पीएम मोदी ने लखपति दीदी योजना के तहत 11 लाख नई लखपति दीदियों को सुविधा प्रदान की, जो ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक पहल है जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में महिलाओं को कम से कम एक लाख रुपये की घरेलू आय अर्जित करने में मदद करना है। पीएम मोदी ने 2,500 करोड़ रुपये का एक रिवॉल्विंग फंड भी जारी किया, जिसका लाभ 4.3 लाख एसएचजी के लगभग 48 लाख सदस्यों को मिलेगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण के वितरण की घोषणा की, जिससे 2.35 लाख एसएचजी के 25.8 लाख सदस्यों को लाभ होगा। लखपति दीदी योजना की शुरुआत से अब तक एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं और सरकार ने भविष्य में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है।

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