जयपुर: बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मंदिर के एक पुजारी दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर की दान पेटी में एक सफेद लिफाफे में महज 21 रुपये का दान दिया। इसके तुरंत बाद, कई I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं और उनके समर्थकों ने "दान पेटी" में छोटी राशि दान करने के लिए पीएम मोदी का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। वायरल वीडियो इस साल जनवरी का है, जब प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान के भीलवाड़ा में देवनारायण मंदिर में माथा टेकने गए थे, उस समय वहां भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती का उत्सव चल रहा था।
अडानी के दान पात्र में मोदी जी ने 21 लाख करोड़ रुपये डाल दिये पर आराध्य देवी देवताओं को 21 रु0 चढ़ाये।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) September 26, 2023
इतना पैसा तो गरीब से गरीब हिन्दू दान पात्र में अब नहीं डालता। pic.twitter.com/lGm2xm29TH
वायरल वीडियो में दिख रहे मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल का कहना है कि, "जब दान पेटी खोली गई तो लिफाफे से 21 रुपये निकले।" पुजारी ने दावा किया कि दान पेटी खोलने के नौ महीने बाद उसमें 3 लिफाफे मिले। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बॉक्स में एक सफेद लिफाफा डाला था और उसी लिफाफे में सिर्फ 21 रुपये मिले हैं। अन्य में 101 रुपये और 2100 रुपये थे जैसा कि मंदिर के पुजारी ने दावा किया है। उक्त वीडियो का उपयोग तब पीएम मोदी के राजनीतिक विरोधियों द्वारा उन पर निशाना साधने के लिए किया गया था, जिसमें कहा गया था कि पीएम मोदी ने गुर्जर समुदाय को "धोखा" दिया है, क्योंकि मंदिर गुर्जरों के लिए विशेष महत्व रखता है। कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर ने दावा किया कि पीएम मोदी ने दान पेटी में केवल 21 रुपये की पेशकश करते हुए गुर्जर समुदाय को "धोखा" दिया और कहा कि "देश के प्रधान मंत्री के लिए किसी भी समाज को सपना दिखाकर धोखा देना अच्छी बात नहीं है।"
गुर्जर समाज एक सीधी, सच्ची, ईमानदार, सरल एवं स्वाभिमानी कौम है और किसी कौम व समाज को इस तरह छलना अच्छी बात तो नहीं है माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी।
— Dheeraj Gurjar (@dgurjarofficial) September 25, 2023
याद है ना प्रधानमंत्री मोदी जी, जब आपका देव दरबार के 1111वें प्राकट्य दिवस पर देव धाम भीलवाडा-आसींद मालासेरी डूंगरी… pic.twitter.com/Eppt7ibWbI
समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आई.पी. सिंह ने दावा किया कि जहां पीएम मोदी ने व्यवसायी गौतम अडानी को 21 लाख करोड़ रुपये दिए, वहीं उन्होंने हिंदू देवताओं को सिर्फ 21 रुपये चढ़ाए। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'मोदी जी ने अडानी के दान पेटी में 21 लाख करोड़ रुपये डाले लेकिन देवताओं को 21 रुपये चढ़ाए। यहां तक कि सबसे गरीब हिंदू भी अब दान पेटी में इतना (कम) पैसा नहीं डालता है।' एक अन्य कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने दावा किया कि पीएम मोदी जहां मंदिर को 21 रुपये देते हैं, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी को लाखों रुपये का हीरा उपहार में देते हैं। कांग्रेस नेता ने ट्वीटर पर लिखा कि, 'प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मंदिर को 21 रुपये देते हैं और अमेरिका के राष्ट्रपति की पत्नी को लाखों रुपये का हीरा देते हैं! उसके बाद वह सनातन धर्म पर उपदेश भी देते हैं।' हालाँकि, कुछ सोशल मीडिया इस वीडियो पर कमेंट करते हुए यह भी कह रहे हैं कि, 21 रुपए दान देने में कौन सी बुराई है, दान श्रद्धा से दिया जाता है, उसकी कीमत मायने नहीं रखती।
हालाँकि, कांग्रेस नेता द्वारा सनातन धर्म का उल्लेख करने भी हास्यपद है, क्योंकि उनकी पार्टी DMK के साथ गठबंधन में है, जो खुले तौर पर सनातन धर्म के समूल नाश का लगातार आह्वान कर रही है। 21 रुपये को लेकर पीएम मोदी पर ऑनलाइन हमले के बीच सोशल मीडिया पर एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें स्पष्ट नज़र आ रहा है कि पीएम मोदी ने दान पेटी में कोई लिफाफा ही नहीं डाला, जैसा कि पुजारी हेमराज पोसवाल ने दावा किया है। दरअसल पीएम मोदी ने दान पेटी में 'बिना लिफाफे के ही कुछ नोट डाले थे।'
Fake News is being spread with malicious intent by leftists & Congress paid media that PM Modi donated ₹21 in an envelope in Bhilwara temple .
— BALA (@erbmjha) September 28, 2023
Video reveals PM didn't use envelope for donation. Delete this ASAP https://t.co/K6xFr9nrFH pic.twitter.com/R0V7v0cFIk
वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है, प्रधान मंत्री मोदी मंदिर में आगे बढ़े, अनुष्ठान किया, प्रार्थना की और अंततः सम्मान और श्रद्धा की अभिव्यक्ति के रूप में दान (बिना लिफाफे के) किया। जब ये सब हो रहा था तो पुजारी हेमराज पोसवाल कुछ दूरी पर पीएम मोदी के पीछे खड़े थे। दृश्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि पीएम मोदी ने दान देने के लिए सफेद लिफाफे का इस्तेमाल नहीं किया, जैसा कि पुजारी ने आरोप लगाया है। इससे पुजारी के दावों की सत्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं. इसके अलावा, सवाल यह उठता है कि क्या आगामी राज्य विधानसभा चुनावों से पहले जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक खेल होना अभी बाकी है ?
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