भारत के 74वें गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी मुख्य मेहमान के रूप में शामिल हुए। वह मिस्र के पहले राष्ट्रपति थे जिन्हें गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित किया गया। अब्देल फतह 24-27 जनवरी तक अपनी इंडिया यात्रा पर आए हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बोला है कि राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने इंडिया पर विश्वास जताया है और बोला है कि नई दिल्ली की अध्यक्षता में जी20 अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल हो सकता है।
गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य मेहमान अब्देल फतह अल-सिसी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा की और दोनों देशों ने इंडिया की अध्यक्षता के बीच एक साथ काम करने का निर्णय किया और दोहराया कि ग्लोबल साउथ के हितों और प्राथमिकताओं पर ध्यान दिया जाना जरूरी है और दोनों देश G20 सहित प्रमुख वैश्विक मंचों पर ध्यान केंद्रित करें।
गणतंत्र दिवस परेड के बीच, मिस्र की सेना की एक सैन्य टुकड़ी ने पहली बार कर्तव्य पथ पर सलामी मंच की ओर मार्च भी निकाला। बता दें कि कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह अल खारसावी के नेतृत्व में मिस्र की सैन्य टुकड़ी ने मिस्र के सशस्त्र बलों के मुख्य रेजिमेंटों का प्रतिनिधित्व भी किया है। टुकड़ी में 144 सैनिक शामिल हुए।
वहीं मिस्र की सेना ने हिंदुस्तान की गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेना सम्मान और सौभाग्य की बात बोला। साथ ही मिस्र की टुकड़ी ने मानवता के लिए ज्ञात सबसे पुरानी नियमित सेनाओं में से एक की विरासत को आगे तक बढ़ा दिया। परेड के उपरांत, राष्ट्रपति सिसी ने राष्ट्रपति भवन में 'एट होम' रिसेप्शन में हिस्सा लिया, जिसकी मेजबानी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की थी।
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