नई दिल्ली: आज इस वर्ष के मन की बात के अंतिम एपिसोड को पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस के चलते उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 वाकई कई मायनों में बहुत ही प्रेरक रहा, अद्भुत रहा। इस वर्ष भारत ने अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे किये तथा इसी वर्ष अमृतकाल का प्रारंभ हुआ। इस वर्ष देश ने नई रफ़्तार पकड़ी, सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कोरोना को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आप भी देख रहे हैं कि दुनिया के कई देशों में कोरोना बढ़ रहा है, इसलिए हमें, मास्क एवं हाथ धुलने जैसी सावधानियों का और अधिक ध्यान रखना है। हम सावधान रहेंगे, तो सुरक्षित भी रहेंगे एवं हमारे उल्लास में कोई रूकावट भी नहीं पड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी परंपरा और संस्कृति का मां गंगा से अटूट नाता है। ये और भी खुशी की बात है कि पूरी दुनिया के 160 ऐसे इनीशिएटिव में ‘नमामि गंगे’ को यह सम्मान मिला है। हम सभी के लिए यह गौरव की बात है कि भारत की इस पहल को आज दुनियाभर की प्रशंसा मिल रही है। United Nations ने ‘नमामि गंगे’ मिशन को Ecosystem को Restore करने वाले दुनिया के टॉप-10 इनीशिएटिव में सम्मिलित किया है। ऐसे में सदियों से कल-कल बहती मां गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य के साथ 8 वर्ष पहले ‘नमामि गंगे अभियान’ का आरम्भ किया था।
पीएम ने 'जलज आजीविका मॉडल' की वार्ता की, उन्होंने कहा कि यह मॉडल बायोडायवर्सिटी को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है। टूरिज्म बेस्ड बोट सफारी को 26 स्थानों पर लॉन्च किया गया है। हिल्सा मछली, गंगा डॉल्फिन एवं कछुओं की विभिन्न प्रजातियों के आँकड़े में बहुत बढ़ोतरी हुई है। गंगा का ईकोसिस्टम क्लीन होने सेआजीविका के अन्य अवसर भी बढ़ रहे हैं।
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