नई दिल्लीः देश में अर्थव्यवस्था में छायी सुस्ती के कारण विपक्षी दलों की आलोचना झेल रही सरकार मिशन मोड में आती दिख रही है। गत सप्ताह वित्त मंत्री ने उद्योग जगत के नेताओं के साथ बैठक की थी। ऐसे में अब पीएम मोदी भी हालात की गंभीरता को समझ रहे हैं। इसिलिए उन्होंने गुरूवार को वित्त मंत्री सीतारमण के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, पीएम ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से संबोधन के बाद अर्थव्यवस्था की ताजा स्थिति पर वित्त मंत्री के साथ यह विचार मंथन किया।
इसमें वित्त मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि यह बैठक में वर्तमान आर्थिक नरमी की प्रकृति तथा इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार किया गया गया। इस समय यह उम्मीद लगायी जा रही है कि सरकार जल्दी ही अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों के लिए कुछ खास प्रोत्साहन-उपाय घोषित कर सकती है। इस बैठक के बारे में जानकारी के लिए वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता को भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं आया। गौरतलब है कि 2018-19 में आर्थिक वृद्धि घट कर 6.8 प्रतिशत पर आ गयी थी।
यह 2014-15 के बाद की न्यूनतम दर है। इस समय उपभोक्ताओं के विश्वास का स्तर गिर रहा है और विदेशी निवेश भी एक ऊंचाई पर पहुंच कर ठहर गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि अनुमान को 7.0 प्रतिशत से घटा कर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। मगर मुद्रास्फीति नरम बनी हुई है। केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दर में इस साल 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है ताकि आर्थिक वृद्धि को तेज करने के कोशिशों को सहायता मिले। आर्थिक नरमी के कारण रोजगार में जबरदस्त कटौती हो रही है।
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