रीवा: राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के खास अवसर पर मध्य प्रदेश के रीवा में पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने लगभग 17 हजार करोड़ की लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास किया और राष्ट्र को समर्पित किया। बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का यह तीसरा रीवा दौरा है। इससे पहले पीएम 2018 में विधानसभा चुनाव का प्रचार करने के लिए रीवा आए थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर रीवा में अमृत सरोवर, स्वामित्व योजना, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर समेत कई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 2300 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न रेल परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसके साथ ही उन्होंने 3 नई ट्रेनों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया।
इस दौरान पीएम मोदी ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि, आप सभी को, देश की 2.5 लाख से अधिक पंचायतों को 'राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस' की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज आपके साथ 30 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधि भी हमारे साथ वर्चुअली जुड़े हुए हैं। ये निश्चित रूप से भारत के लोकतंत्र की बहुत ही सशक्त तस्वीर है। उन्होंने कहा कि, हम सभी जनता के प्रतिनिधि हैं। हम सभी इस देश के लिए, इस लोकतंत्र के लिए समर्पित हैं। काम के दायरे भले ही अलग हों, लेकिन लक्ष्य एक ही है- जनसेवा से राष्ट्रसेवा।
पीएम मोदी ने कहा कि, आजादी के इस अमृतकाल में हम सभी देशवासियों ने विकसित भारत का सपना देखा है और उसे पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की सामाजिक व्यवस्था को विकसित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि, भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की आर्थिक व्यवस्था को विकसित करना जरूरी है। भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की पंचायती व्यवस्था को भी विकसित करना जरूरी है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार देश की पंचायत व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने जनता को बताया कि, 2014 से पहले के 10 वर्षों में केंद्र सरकार की मदद से 6,000 के आस पास ही पंचायत भवन बनवाए गए थे। पूरे देश में करीब-करीब 6,000 पंचायत घर ही बने थे। हमारी सरकार 8 वर्ष के अंदर-अंदर ही 30 हजार से ज्यादा नई पंचायतों का निर्माण करवा चुकी है। पहले की सरकार ने 70 से भी कम ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा। ये हमारी सरकार है, जो देश की 2 लाख से भी ज्यादा पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर ले गई है। उन्होंने कहा कि, फर्क साफ है- आजादी के बाद की सरकारों ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया। जो व्यवस्था सैकड़ों वर्ष, हजारों वर्ष पहले से थी, उसी पंचायती राज व्यवस्था पर आजादी के बाद भरोसा ही नहीं किया गया। 2014 के बाद से, देश ने अपनी पंचायतों के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया है और आज इसके परिणाम नजर आ रहे हैं। आज भारत की पंचायतें, गांवों के विकास की प्राणवायु बनकर उभर रही हैं।
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