नई दिल्ली: सूरत कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, उनकी लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई है। अब यह मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। यदि राहुल गांधी को वहां से राहत मिली तो उनके लिए बड़ी मुश्किल हो सकती है। इस सन्दर्भ में राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि सरकार के मंत्रियों ने मुझ पर झूठा आरोप मढ़ा है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर विदेशी ताकतों का हाथ है। मैंने स्पीकर सर से कहा कि ये झूठा इल्जाम है, आप मुझे बोलने क्यों नहीं देते।
राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता में कहा कि मुझे डर नहीं लगता। मैं इनसे सवाल पूछता रहूंगा। मैं अडानी और 20 हजार करोड़ पर सवाल करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी सदस्यता इसलिए रद्द की गई, क्योंकि ये लोग मेरे भाषण से डर गए थे, जो मैं देने वाला था। मैं अडानी पर बोलना चाहता था। राहुल गांधी ने सरकार पर फिर से निशाना साधते हुए कहा कि मेरा इतिहास डरने का नहीं है। राहुल ने दावा किया कि मैंने संसद में सबूत दिए थे। अडानी और मोदी के पुराने संबंध है। राहुल ने कहा कि ये लोग मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहते हैं। ये नहीं चाहते कि जो सवाल मैंने पूछे हैं, उसका जवाब ने देना पड़े, इसलिए मेरी सदस्यता निरस्त कर दी गई।
राहुल गांधी ने कहा कि मेरी सदस्यता खत्म करके सरकार ने विपक्ष को बड़ा हथियार पकड़ा दिया है। मुझे कोई मतलब नही है कि मेरी सदस्यता रहती है या नहीं। लेकिन मैं जनता के बीच जाता रहूंगा। मैं अपनी तपस्या करता रहूंगा और अडानी पर सवाल पूछता रहूँगा। उससे मुझे कोई नहीं रोक सकता है। बता दें कि, राहुल की सदस्यता जाते ही समाजसेवी आभा मुरलीधरन ने भी कोर्ट में PIL दाखिल की है। उन्होंने मांग की है कि Representation of the People Act कानून की धारा 8(3) को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए। बता दें कि, इसी कानून के तहत राहुल गांधी की सदस्यता गई है। वहीं, अडानी मामला भी फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में है और शीर्ष अदालत की एक्सपर्ट कमिटी ये जांच कर रही है कि, अडानी समूह ने किन नियम-कानूनों का उल्लंघन किया है और उनपर लगे आरोपों में कितनी सच्चाई है।
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