नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को महाराष्ट्र के पंढरपुर में इंफ्रा मॉडर्नाइजेशन पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास किया गया है. श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में किया जाएगा और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि अतीत में हमारे देश पर कितने ही हमले हुए, सैकड़ों वर्षों की गुलामी में ये देश जकड़ा गया. प्राकृतिक आपदाएं आईं, चुनौतियां आईं, कठिनाइयां आईं, मगर भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था, हमारी दिंडी वैसे ही अनवरत चलती रही. आज भी ये यात्रा विश्व की सबसे प्राचीन और सबसे बड़ी जन-यात्राओं के रूप में, पीपल मूवमेंट के तौर पर देखी जाती है. ‘आषाढ़ एकादशी’ पर पंढरपुर यात्रा का विहंगम दृश्य कौन भूल सकता है. हजारों-लाखों भक्त, बस इस यात्रा में खिंचे चले आते हैं. उन्होंने कहा कि, ‘ये यात्राएं अलग-अलग पालखी मार्गों से चलती हैं, मगर इन सबका गंतव्य एक ही होता है. ये
पीएम मोदी ने कहा कि ये भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है, जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि उसे मुक्त करती है. जो हमें सिखाती है कि मार्ग भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, पद्धतियां और विचार अलग- अलग हो सकते हैं, मगर हमारा लक्ष्य एक ही है. अंत में सभी पंथ ‘भागवत पंथ’ ही हैं. भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी के लिए समान रूप से खुला है और जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं, तो उसके पीछे भी तो यही भावना है. यही भावना हमें देश के विकास के लिए प्रेरणा देती है, सबको साथ लेकर, सबके विकास के लिए प्रेरित करती है.’
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