नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए दिखाई दे रहे है. इस बीच पीएम मोदी ने लोकसभा में दो दिनों तक चली चर्चा के बीच विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए तमाम मुद्दों का जबाव देते हुए विपक्ष पर लगातार वार कर रहे है.
2004-14 में भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई थी- पीएम मोदी: पीएम मोदी ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए बोला है कि, ‘ये निराशा भी ऐसे नहीं आई है, इसके पीछे की वजह है एक तो जनता का हुक्म, बार-बार हुक्म लेकिन साथ-साथ इस निराशा के पीछे जो अंर्तमन में पड़ी हुई वस्तु है. जो चैन से सोने नहीं देती है. क्या है? पिछले 10 वर्ष में 2014 के पहले 2004- 14 में इंडिया की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो चुकी थी. 10 वर्ष में महंगाई डबल डिजिट रही, इसलिए कुछ अगर अच्छा होता तो निराशा और उभरकर आ रही है.’
पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला, कहा- निराशा में डूबे लोग इस देश की प्रगति से उबर नहीं पा रहे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत ने मेड इन इंडिया वैक्सीन बनाई और यही नहीं 150 देशो को जहां जरूरत थी, वहां पहुचाई जब विश्व वर्ल्ड वैश्विक महामारी से जूझ रहा था. देश बड़ी ताकत के साथ आगे बढ़ रहा हैंबढ़ते जा रहे है, पहले सर्टिफिकेट नहीं ले पाते थे आज मोबाइल पर वैक्सीन का सर्टिफिकेट भी हासिल हो जाता है. भारत आज एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा हैं. निराशा में डूबे हुए लोग इस देश की प्रगति से उभर नहीं पा रहे हैं.’
डिजिटल इंडिया की चारों तरफ वाहवाही- लोकसभा में पीएम मोदी: पीएम मोदी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि, ‘डिजिटल इंडिया की चारों तरफ वाहवाही भी होने लगी है. पूरे तरह इसे लेकर पूछ रहे थे. कोरोना काल में समृद्ध देश अपने नागिरकों की सहायता करना चाहते थे. नोट छापते थे, लेकिन वो बांट नहीं पाए थे. लेकिन ये देश है कि एक मिनट में अपने लोगों को खाते में हजारों करोड़ डाल देता है. एक समय था कि तकनीक के लिए तरसता था. आज टेक्नॉलजी के इलाके में तेजी से आगे बढ़ रहा है.’
लोकसभा में बोले पीएम मोदी- पॉलिसी पैरेलिसिस से बाहर आकर देश की पहचान दूरगामी फैसलों से हो रही है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बात को बढ़ाते हुए बोला है कि राष्ट्रपति जी ने अभिभाषण में बोला था कि जो भारत कभी अपनी अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बनता जा रहा है. उन्होंने अभिभाषण में यह भी बोला था कि जिन मूल सुविधाओं के लिए देश की बड़ी आबादी ने दशकों तक प्रतीक्षा की, वह इन वर्षों में उसे मिली है. बड़े-बड़े घोटालों, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जिन समस्याओं से देश मुक्ति चाहता था, वह मुक्ति देश को अब मिल रही है. पॉलिसी पैरेलिसिस की चर्चा से बाहर आकर देश और देश की पहचान तेज की विकास और दूरगामी दृष्टि से लिए गए निर्णय से हो रही है.
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